अस्पताल से वाहन न मिलने पर रिक्शे से शव ले गए परिजन, अस्पताल में हुई थी मौत
महोबा के गांधीनगर में अपनी रिश्तेदारी में आए एक युवक की अचानक हालत बिगड़ गई। परिजन आनन फानन में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए। जहां उसकी मौत हो गई। परिजन शव घर ले जाने के लिए निशुल्क शव वाहन उपलब्ध कराने की डॉक्टर व कर्मचारियों से मिन्नत करते रहे लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। परिजन मजबूरन रिक्शे में शव लेकर घर गए। जनपद हमीरपुर के थाना राठ के ग्राम सिकंदरपुरा निवासी प्रमोद कुमार (50) पुत्र गंगाचरन गुप्ता गुरुवार को अपनी रिश्तेदारी में शहर के मोहल्ला गांधीनगर निवासी अपने दामाद प्रिंस गुप्ता के यहां आया था।
दोपहर के समय प्रमोद की अचानक हालत बिगड़ गई और वह अचेत होकर गिर गया। परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के दामाद प्रिंस गुप्ता व रोहित गुप्ता का आरोप है कि जिला अस्पताल से शव वाहन उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों से वाहन उपलब्ध कराने की बात कही लेकिन किसी ने नहीं सुनी और अपने निजी साधन से शव ले जाने को कहा गया। जिससे मजबूरी वह रिक्शा से शव घर लाए। पीड़ितों ने मामले की शिकायत विभागीय उच्चाधिकारियों से की है।
उधर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी मिश्रा का कहना है कि जिले से बाहर शव वाहन नहीं भेजा जाता है। मृतक जनपद हमीरपुर का निवासी था। मामला संदिग्ध होने के चलते शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों से कहा गया लेकिन वह बिना पोस्टमार्टम के ही शव घर ले गए।