बाबा बमराडा ने लगाए आरोप
बाबा बमराडा का लंबे समय से दून अस्पताल में उपचार चल रहा है। कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद उनका हालचाल पूछने अस्पताल पहुंचे थे। रविवार को बाबा ने अन्न-जल त्याग करने की घोषणा की। बाबा ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य की सेवा में लगा दिया। अपना घर और परिवार सब राज्य के लिए कुर्बान कर दिया।
अलग राज्य निर्माण की धुन में ना जिंदगी भर कुछ कमा पाए और ना बच्चों या परिवार को बेहतर परवरिश दे पाए। राज्य बनने के बाद सरकारें कुछ पैसे देकर उनके योगदान की कीमत लगा रही हैं।
कई साल बाद भी नहीं सुलझे
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के कई वर्ष बीतने के बाद भी राज्य आंदोलनकारियों के मुद्दे ना सुलझने से उन्हें पीड़ा होती है। बाबा ने वर्ष 1994 से पूर्व के आंदोलनकारियों के संबंध में भी नीति तैयार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा ना होने तक वह अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।