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आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से ‘किसानो की आफत’, सदमे में 1 की मौत

बुधरात की रात तेज आंधी के साथ बारिश के असर ने गुरुवार सुबह अन्नदाताओं के चेहरे मुरझा दिए। बुंदेलखंड जालौन के पास कालपी में ओलावृष्टि से कटी पड़ी फसल के बर्बाद हो जाने से ग्राम गोरा कला तहसील निवासी किसान विश्राम (42) की सदमे में मौत हो गई। इसी जिले के जगम्मनपुर रामपुरा रोड पर रात में आई आंधी के चलते पे़ड़ बीच सड़क पर गिरने से सुबह कई घंटे यातायात अवरुद्ध रहा। कानपुर के बिधनू में एक दर्जन से अधिक बिजली के पोल गिर गए। ये पोल खेतों में लगे हुए थे। गेहूं की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। बिठूर में टमाटर के खेतों में पानी भर गया। टमाटर की फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है। गुरुवार तड़के से ही किसान कटी फसल को समेटने के काम में जुट गए। उधर मौसम विभाग ने ये आशंका जताई है कि अगले दो-तीन दिनों तक ऐसे ही हालात हो सकते हैं। तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है।आंधी-बारिश और ओलावृष्टि से 'अन्नदाताओं की आफत', सदमे में 1 की मौत, मौसम विभाग जताई ये आशंका

कन्नौज में अचानक बदले मौसम से गेंहू की फसल को तगड़ा नुकसान होने की आशंका है। तेज बारिश और ओले गिरने के कारण यहां खेतों में पड़ी पकी फसल पूरी तरह भीग गयी। किसानों का कहना है कि बारिश से गेंहू के पके दाने खराब हो जाएंगे। कन्नौज में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गयी। यहां की तिर्वा तहसील के कई गावों में जमकर ओले भी गिरे। खेतों में गेंहू की फसल तैयार कटी पड़ी है। तेज बारिश के कारण तालाब बने खेतों में गेंहू पूरी तरह डूब गयी। बेमौसम हुई बारिश ने किसानों के चेहरों पर मायूसी ला दी है। बिन मौसम हुई बरसात से गेंहू की फसल को तगड़ा नुकसान होने की आशंका है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सरकार ने जिले में अलर्ट जारी किया था, लेकिन जिला प्रशासन ने कागजी चेतावनी जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया। किसान खुद इस कागजी चेतावनी की पोल खोल रहे हैं। किसानो का कहना है की किसी ने हमे जानकारी नही दी कि मौसम बिगड़ सकता है।
 
 

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