आईआईटी की फीस हो सकती है 24 लाख रुपए
बीटेक की सालाना फीस 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। यह मामला आईआईटी काउंसिल की मीटिंग में भी ले जाया जा रहा है। मीटिंग मई में होगी।
आईआईटी काउंसिल की मंजूरी मिली तो आईआईटी से बीटेक की चार साल (आठ सेमेस्टर) की पढ़ाई पर 24 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अभी 2 लाख रुपये फीस में पढ़ाई पूरी हो जाती है।
आईआईटी से बीटेक करने वाले स्टूडेंटों से एक सेमेस्टर (छह महीने की पढ़ाई) की 25 हजार रुपये फीस ली जा रही है। सालाना फीस 50 हजार रुपये बैठती है। इससे आईआईटी का खर्च नहीं निकल पा रहा।
आर्थिक संकट और गहरा गया है। आईआईटी कानपुर में शिक्षक, कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है। इसी वजह से फीस बढ़ाने का फैसला किया गया।
फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाकर आईआईटी काउंसिल को भेजा जा चुका है। अब काउंसिल को अंतिम फैसला लेना है। फीस सत्र 2016-17 से बढ़ाई जानी है।
सूत्रों ने बताया कि आईआईएम अहमदाबाद की पीजीपी और पीजीपी-एबीएम की फीस 16.60 लाख और 18.50 लाख रुपये है।
अन्य आईआईएम की फीस भी ज्यादा है। इसी आधार पर आईआईटी अपना फीस स्ट्रक्चर बनाना चाहती है। आईआईटी को शैक्षिक स्वायत्तता भी मिली है। काउंसिल अपने हिसाब से नियम बना सकती है।
आईआईटी कानपुर और वाराणसी सहित देश में 18 आईआईटी हैं। नए सत्र से तीन नई आईआईटी की एडमिशन प्रक्रिया भी पूरी की जा सकती है।
बड़े पैमाने पर स्कालरशिप भी दी जाती है। परास्नातक कोर्स के एक रिसर्च स्कालर को सालाना 36 हजार रुपये स्कालरशिप मिलती है। अब आईआईटी प्रशासन इसी खर्च को समायोजित करना चाह रहा है।
आईआईटी काउंसिल का फैसला ही अंतिम माना जाता है। यदि मानव संसाधन विकास मंत्रालय फीस बढ़ाने को हरी झंडी नहीं देता है तो भी काउंसिल प्रस्ताव पारित कर सकती है। ऐसा पहले हो चुका है।
जब कपिल सिब्बल मानव संसाधन विकास मंत्री थे, तब सिंगल एंट्रेंस टेस्ट के मुद्दे पर मंत्रालय और काउंसिल आमने-सामने आ गए थे।
आईआईटी कानपुर की काउंसिल ने एंट्रेंस टेस्ट से अलग होने का संकेत तक दे दिया था। इसी का नतीजा रहा कि जेईई मेन और जेईई एडवांस टेस्ट की व्यवस्था की गई।
इंटरनेशनल हॉस्टल सहित तमाम लैब, लाइब्रेरी और क्लास रूम का निर्माण कार्य अटक गया। अब शिक्षक, कर्मचारियों का वेतन देने में दिक्कत आ रही है।
यही वजह है कि आईआईटी प्रशासन खर्च में कटौती कर रहा है। बिजली और पानी का बिल नियंत्रित किया जा रहा। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स से मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाकर वसूलने की तैयारी है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो इंद्रनील मन्ना कहते हैं कि फीस बढ़ाने का मामला आईआईटी काउंसिल के विचाराधीन है। इस पर चर्चा के बाद फैसला होगा। अगले सत्र से फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।