आईपीएल के लिए पानी, किसानों के लिए नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
एजेन्सी/ मुंबई: महाराष्ट्र गंभीर पानी की किल्लत से जूझ रहा है, ऐसे में इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों के दौरान क्या लाखों लीटर पानी मैदान में बहाया जाए, ये मुद्दा अब बॉम्बे हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है। मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा करार दिया, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसमें कुछ ग़लत नहीं लगता।
इस मामले पर लोकसत्ता मूवमेंट के साथ पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि आईपीएल कमिश्नर पानी पर कर दें।
मैदान में पिचों के रखरखाव के लिए रोजाना तकरीबन 60 हजार लीटर पानी की जरूरत होती है। ऐसे में महाराष्ट्र के तीन स्टेडियमों में पिचों के रखरखाव पर लगभग 60 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल होगा। हाई कोर्ट ने कहा, ‘यह गंभीर मुद्दा है और हमें इसे देखने की जरूरत है।’
इस मुद्दे पर आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैचों को रोक कर समस्या का हल निकलने वाला है। मैच तय कार्यक्रम के हिसाब से होंगे। लेकिन, किसानों को ज्यादा पानी चाहिए। इस पानी की समस्या को हल करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को एक होना पड़ेगा और हम बीसीसीआई की तरफ से जो बन सकता है, करेंगे। जहां तक सूखे और पानी की समस्या की बात है तो हम महाराष्ट्र के किसानों के साथ खड़े हैं और उनकी हर संभव मदद के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा, “अगर महाराष्ट्र सरकार इस मामले को लेकर कोई प्रस्ताव लाती है तब बीसीसीआई अध्यक्ष और हम सभी सोचेंगे कि किसानों के लिए क्या किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में साल 2016 में औसतन हर महीने 90 किसानों ने आत्महत्या की है। कई जलाशयों में पानी 4 फीसदी से भी कम बचा है। राज्य में आईपीएल के 20 मैच खेले जाएंगे जिसमें 10 पानी की भारी किल्लत झेल रहे नागपुर और पुणे में आयोजित होंगे। इस मुद्दे पर मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का कहना है कि आईपीएल मैचों के टिकट पहले ही बिक चुके हैं और अगर मैचों को रद्द किया गया तो काफी नुकसान होगा।