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आईसीसी का बड़ा फैसला, जिम्माब्वे के क्रिकेटरों का करियर खत्म

हरारे : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सरकार के दखल का हवाला देते हुये जिम्बाब्वे क्रिकेट को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया जिससे देश के सभी क्रिकेटरों का अस्तित्व भी एक झटके में समाप्त हो गया है। आईसीसी का यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है जिससे उसके द्वारा जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को दी जाने वाली सारी वित्तीय मदद भी रोक दी गई है। जिम्बाब्वे की सभी प्रतिनिधि टीमों को अब आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी। वैश्विक संस्था के इस फैसले के बाद जिम्बाब्वे की महिला क्रिकेट टीम का अगस्त में होने वाले ट्वंटी 20 विश्वकप क्वालिफायर और अक्टूबर में पुरूष ट्वंटी 20 विश्वकप क्वालिफायर में हिस्सा लेना भी लगभग नामुमकिन हो गया है। इस सप्ताह लंदन में कई दौर की बैठकों के बाद आईसीसी बोर्ड ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।

जिम्बाब्वे क्रिकेट को अाईसीसी के संविधान की धारा 2.4 (सी) और (डी) का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है जून में उसके स्पोर्ट्स रिक्रिएशन कमिशन (एसआरसी) के गठन और अन्य गतिविधियों में सरकार का हस्तक्षेप शामिल है। आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने इस फैसले को लेकर कहा,“ हम किसी भी सदस्य की मान्यता रद्द करने के फैसले को हल्के में नहीं लेते। लेकिन हमारा लक्ष्य इस खेल को सरकार के हस्तक्षेप से अलग रखना है। जिम्बाब्वे क्रिकेट में जो हुआ वह आईसीसी के संविधान उल्लंघन का गंभीर मामला है और हम इसे बिना किसी कार्रवाई के जाने नहीं दे सकते हैं।”

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