कहते हैं मरने के बाद बुरे लोग नरक में जाते हैं और अच्छे लोग स्वर्ग में. पर इस बात में कित्ती सच्चाई है, इसे जानने के लिए मरना होगा. पर विष्णु पुराण में जिन नरकों का जिक्र है, फिलहाल उनके नामों से आपको वाकिफ कराते हैं.
किस्सा तब का है जब मऋषि पराशर नरक की शाखाओं के बारे में बता रहे थे. उन्होंने बताया कि पृथ्वी और जल के नीचे नरक है. यहीं पापियों को गिराया जाता है. अब तुम नरक के नाम सुनो. रौरव, सूकर, रोध, ताल, विशसन, महाज्वाल, तप्तकुंभ, लवण, विलोहित, रुधिराम्भ, वैतरणि, कृमीश, कृमिभोजन, असिपत्रवन, कृष्ण, लालाभक्ष, दारुण, पूयवह, पाप, वहिनज्वाल, अध: शिरा, सन्दंश, कालसूत्र, तमस्, आवीचि, श्वभोजन, अप्रतिष्ठ और अप्रचि.
ये सारे महाभयंकर नरक कहलाए. इन नरकों के चीफ हैं यमराज. अग्नि देव यहां पर डराने का काम करते हैं. एक बात और, यहां सिर्फ वही लोग गिरते हैं तो हचक कर पाप करते हैं. मल्लब वे लोग जो पाप से घड़ा नहीं, पूरी टंकी भर डालते.