आकर्षक पैंकेजिंग में भी है करियर, कर सकते हैं अच्छी खासी कमाई
जो दिखता है, वह बिकता है”। यह सिर्फ एक पंचलाइन नहीं, आज की बिजनेस कंपनियों की सफलता का मंत्र भी है। दवाओं से लेकर खाने-पीने के सामान और सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए पैकेजिंग एक ऐसा मार्केटिंग टूल है, जो ‘साइलेंट सेल्सपर्सन” का काम करता है। याद कीजिए, हम खुद कितनी बार स्टोर से कई चीजें सिर्फ इसलिए खरीद लेते हैं, क्योंकि उनकी पैकिंग दिखने में बहुत आकर्षक लगती है। कई बार तो हम-आप किसी उत्पाद के डिब्बे या बॉटल को सहेजकर भी रख लेते हैं, उसे फेंकना नहीं चाहते। दरअसल, यही पैकेजिंग का जादू है, जो न केवल ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर खींचे, बल्कि उन्हें खरीदने के लिए मजबूर भी कर
दे। मॉल और ऑनलाइन मार्केटिंग के इस दौर में अपने उत्पादों को नए-नए रूप-रंग में पेश करने पर सभी कंपनियों का जोर है। इस कारण इस फील्ड में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह की पृष्ठभूमि वाले युवाओं के लिए करियर की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
बढ़ रही है इंडस्ट्री
फिक्की-टीएसएमजी की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में विश्व के टॉप-10 पैकेजिंग उपयोगकर्ता देशों में शुमार हो चुका है। ऐसा इसलिए कि रिटेल और ई-कॉमर्स में आए बूम के कारण पैकेजिंग की मांग यहां कई गुना बढ़ गई है। हालांकि भारत में प्रति व्यक्ति पैकेजिंग की खपत अभी सिर्फ 4.3 किलो है, जबकि जर्मनी और चीन में यह क्रमश: 42 किलो और 19 किलो है।
वैसे तो पैकेजिंग का इस्तेमाल आजकल हर चीज में हो रहा है लेकिन दवा, खाने-पीने के सामान, पेय पदार्थ, सौंदर्य उत्पाद, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक उपरकरण बनाने वाली कंपनियों को पैकेजिंग की जरूरत कहीं ज्यादा होती है, जहां हर समय पैकेजिंग के स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग रहती है। ऐसे प्रोफेशनल्स किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी में मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर, पैकेजिंग स्पेशलिस्ट, मटेरियल मैनेजर, डिलिवरी एरिया मैनेजर तथा क्वॉलिटी एनालिस्ट जैसे पदों पर अपनी सेवाएं देते हैं।
कोर्स व क्वॉलिफिकेशन : पैकेजिंग टेक्नोलॉजी या डिजाइन में संबंधित कोर्स अभी देश के कुछेक संस्थानों में ही संचालित हो रहे हैं, जहां से पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम किया जा सकता है। यह कोर्स साइंस, इंजीनियरिंग या अन्य पृष्ठभूमि के युवा 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। आईआईपी के संस्थानों में विद्यार्थियों को प्लेसमेंट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
सैलरी कितनी?
पैकेजिंग उद्योग कमाई के मामले में भी अच्छा माना जाता है। इंडियन पैकेजिंग इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान से दो वर्षीय कोर्स करने के बाद ऐसे प्रोफेशनल्स को शुरुआत में ही 25 से 30 हजार रुपए महीना तक सैलरी आसानी से मिल जाती है।
उत्पाद को खूबसूरत बनाने का दौर
आईटी की तरह ही अब पैकेजिंग में भी बूम का दौर है। फूड, गारमेंट या ऑटोमोबाइल जैसे सभी तरह के उत्पादों को पैकेजिंग चाहिए। फिर चाहे यह पेपर पैकेजिंग हो या फिर प्लास्टिक, वुड या मेटल पैकेजिंग। रिटेल और ई-कॉमर्स कंपनियों का बाजार लगातार बढ़ रहा है। इसे भी लॉजिस्टिक्स या ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग तरह की पैकिंग की जरूरत होती है। स्कोप यहां बहुत है। कोर्स करने के बाद आप क्वॉलिटी कंट्रोल, परचेज/ मार्केटिंग, आर एंड डी, प्रोडक्शन या पैकेज डिजानिंग जैसी किसी भी विंग में जॉब पा सकते हैं। युवाओं को सैलरी भी शुरुआत में ही एमबीए स्टूडेंट से कहीं ज्यादा मिलती है। मगर इस फील्ड में उन्हीं को आना चाहिए, जो क्रिएटिव हों।