आखिरकार आतंकवाद पर पाक ने दिखाई सख्ती
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शुक्रवार को दिन में मुंबई हमलों के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी की रिहाई पर रोक लगाकर और रात में दो खूंखार आतंकियों को फांसी पर चढ़ाकर स्पष्ट संकेत दिया है कि आखिरकार वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त हो गया है। पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान की यह सख्ती कहीं न कहीं जनता और सेना के भारी दबाव का नतीजा है। इस हमले के बाद से देश में जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए हैं। खबरें तो यहां तक आईं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तीन हजार से अधिक आतंकियों को फांसी पर लटकाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। हालांकि बाद में इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन ने आधिकारिक तौर पर इसका खंडन करते हुए कहा कि जनरल राहील ट्विटर पर नहीं हैं और उन्होंने ऐसी बात नहीं कही। भारी जनदबाव के बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जनरल राहील के साथ शुक्रवार को हुई बैठक के बाद सरकार ने कहा कि वह आतंकवाद पर बिल्कुल नरमी नहीं बरतेगी। रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने कई अहम फैसले लिए।
प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने लिए अहम फैसले
सैन्य अभियान का दायरा बढ़ेगा। कबायली खैबर पख्तूनख्वा और उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ जारी सैन्य अभियान का दायरा बढ़ाया जाए। अभियान के अगले चरण में खैबर की तिराह घाटी व अन्य कबायली क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। अफगानिस्तान से लगती पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढमई जाएगी ताकि आतंकियों की घुसपैठ पर लगाम लगाई जा सके। सेना को आतंकियों के सफाये के लिए उन्हें सभी जरूरी संसाधन, सूचनाएं और सहयोग मुहैया कराई जाएंगी। प्रधानमंत्री ने सेना प्रमुख को आश्वासन दिया कि आतंकवादी रोधी कानून में आवश्यक संशोधन किया जाएगा एजेंसियां