जीवनशैली

आखिर कहाँ जाती है प्लेन में बैठे यात्रियों की पोटी ?

इंसान की कुछ नित्यक्रियाएं होती है। जब हम ट्रैन से सफर करते हैं और इस बीच जब बाथरूम यूज़ करते हैं तो हम पाते हैं कि फ्लश करने पर हमारी पोटी ट्रैन के कमोड से जमीन पर गिर जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्लेन में यात्रा करने वाले यात्री जब टॉयलेट यूज़ करते हैं तो उनकी पोटी कहां जाती है।
कहाँ जाती है यात्रियों की पोटी:
कुछ समय पहले भारत के गुरुग्राम जिले के एक गाँव में एक किसान राजबीर यादव को आसमान से एक बड़े आकार का पत्थर धरती की तरफ आता दिखा और वो पत्थर बड़ी ज़ोर से धरती से टकराया। जब राजबीर ने उसे देखा तो वो आइस ब्लू कलर का था। राजबीर ने सोचा कि यह कोई कीमती वस्तु है, यह सोचकर उसने उसे फ्रिज में रख दिया। 
विषेशज्ञों ने की जाँच:
जब राजबीर ने इसकी खबर विशेषज्ञों को दी. तो उनकी एक टीम ने इस पत्थर की जांच की। जिसमे पता लगा कि ये एयरोप्लेन से गिरा हुआ सीवेज है। विशेषज्ञों ने बताया कि प्लेन के सीवेज में ऐसा केमिकल मिला दिया जाता है, जिससे बदबू नहीं आती और जब ये काफी ऊंचाई से गिरता है तो फ्रीज़ हो जाता है। 
प्लेन में होते है सीवेज टैंक्स:
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि प्लेन में सीवेज टैंक्स होते हैं जो एयरपोर्ट पर खाली होते हैं। लेकिन कभी-कभी इस तरह की घटनाएं भी हो जाती है। तो अब तो आप समझ ही गए होंगे की प्लेन यात्रिओं की पोटी कहाँ गिरती है।

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