अजब-गजबफीचर्डराजनीतिलखनऊ

आखिर किसके साथ गये राजा भइया

लखनऊ : राज्य सभा की दसवीं सीट के लिए पिछले दो दिन से राजनीतिक ऊहापोह चल रहा नाटकीय घटनाक्रम अब क्लाइमेक्स पर नज़र आया। बसपा और भाजपा इस सीट के लिए आमने-सामने हैं और दोनों ही दल मतदान पूरा होने के बाद जीत का दावा कर रहे हैं, नतीजे का ऐलान आज ही होगा। गुरुवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के प्रति समर्थन जाहिर करने वाले निर्दलीय विधायक राजा भैया पर सबकी नज़र रही। राजा भैया ने वोट डालने के पहले अखिलेश से मुलाक़ात की और बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले, ऐसे में उन्हें लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है।
वहीँ बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों के अलावा कुछेक निर्दलीय विधायकों के वोट की उम्मीद लगाए थे। लेकिन उनकी अपनी पार्टी के एक विधायक अनिल सिंह ने ऐलान कर दिया कि उन्होंने ‘अपना वोट भारतीय जनता पार्टी दिया है’। निषाद पार्टी के विजय मिश्र गुरुवार से ही कह रहे थे कि वो बीजेपी को वोट देंगे और उन्होंने ऐसा ही किया भी, समाजवादी पार्टी के एक विधायक नितिन अग्रवाल पहले ही भारतीय जनता पार्टी के खेमे में जा चुके हैं। क्रॉस वोटिंग को लेकर सभी दल आशंकित थे, शायद इसीलिए कांग्रेस के सात और बीएसपी के 17 विधायकों ने एक साथ जाकर मतदान किया। बसपा के मुख़्तार अंसारी और सपा विधायक हरिओम हाईकोर्ट के निर्देश के चलते वोट नहीं दे पाए, संभवतः समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों ने बीएसपी उम्मीदवार को वोट दिया। दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक ने भी बीएसपी के उम्मीदवार को ही वोट देने की उम्मीद है। प्रथम वरीयता के आधार पर जीत हार तय नहीं होती तो दूसरी वरीयता के आधार पर फ़ैसला होगा और उस स्थिति में सबसे ज़्यादा विधायक होने के नाते बीजेपी उम्मीदवार का पलड़ा भारी पड़ेगा।

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