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आखिर क्यों? नहाय-खाय से की जाती है छ्ठ पर्व की शुरुआत

किसी भी पूजा से पहले नहाना सबसे जरूरी होता है. नहा-धोकर, नए वस्त्र पहनकर ही पूजा-पाठ की तैयारियां की जाती हैं. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले चार दिनों तक चलने वाले छ्ठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, यानी पहले दिन सबसे पहले स्नान कर शुद्ध होना अहम माना जाता है. इस दिन सुबह-सुबह नहा धोकर सबसे पहले खुद को पवित्र किया जाता है.

आखिर क्यों? नहाय-खाय से की जाती है छ्ठ पर्व की शुरुआतविधि

किसी भी पूजा से पहले नहाना सबसे जरूरी होता है. नहा-धोकर, नए वस्त्र पहनकर ही पूजा-पाठ की तैयारियां की जाती हैं. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले चार दिनों तक चलने वाले छ्ठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, यानी पहले दिन सबसे पहले स्नान कर शुद्ध होना अहम माना जाता है. इस दिन सुबह-सुबह नहा धोकर सबसे पहले खुद को पवित्र किया जाता है.

ऐसे करें छ्ठ पर्व के पहले दिन की शुरुआत:

– नहाय-खाय के दिन सबसे पहले घर की पूरी साफ-सफाई की जाती है और फिर किसी नदी या तालाब के पानी से नहा कर साफ वस्त्र पहने जाते हैं.
– नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
– छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष शुद्ध घी में चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाते हैं.
– छ्ठ के पहले ही दिन से नमक का त्याग कर दिया जाता है. केवल सेंधा नमक का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
– खाने में कद्दू और अरवा चावल जरूर बनया जाता है.
– सूर्य को भोग लगाकर व्रती दिन में केवल एक बार ही भोजन ग्रहण करते हैं. घर के सभी सदस्य भी यही खाते हैं.
– भोजन पूरी तरह से शुद्ध शाकाहारी ही बनाया जाता है.

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