आखिर क्यों मुकुल रोहतगी एटाॅर्नी जनरल के पद से हटना चाहते ?
नई दिल्ली। एटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार से अपील की है कि अब उनका कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए वे अब निजी प्रैक्टिस में लौटना चाहते हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील के तौर पर मुकुल रोहतगी 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। मुकुल रोहतगी ने कानून मंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने निजी प्रैक्टिस में वापसी करने की इच्छा जाहिर की। रोहतगी ने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार में एडिशन साॅलिसिटर जनरल थे।
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उनके कार्यकाल को बढ़ाया गया था। उनके साथ 6 और विधि अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाया गया था। एडिशनल साॅलिसिटर जनरल का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है इसे 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने केवल अगले आदेश तक कार्यकाल बढ़ाने की बात कही थी।
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गौरतलब है कि मुकुल रोहतगी ने ट्रिपल तलाक के मसले पर न्यायालय में सुनवाई की थी। यही नहीं उन्होंने अरूणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को लेकर दलीलेें दी थीं हालांकि इसका असर अधिक नहीं हुआ था। नोटबंदी को लेकर भी मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष मजबूती से सामने रखा था।