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आखिर क्‍यों‍ दीवारों में कैद होने को मजबूर है इस लड़की का बचपन

aankh-3एजेंसी/ इंसान बीमारियों के आगे कभी कभी कितना मजबूर हो जाता है. वो चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता. ऐसे में जब बीमारी किसी बच्‍चे को हो तो उसका दुख दर्द तो बयां ही नहीं किया जा सकता हैै. कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रही हैै ये सात साल की लड़की. दिखने में ये आपको ऐलियन लग रही होगी लेकिन इसके मां-बाप इसका इलाज करवाने के लिए दरदर भटक रहे हैं.

बिहार के गर्दनीबाग की रहनेवाली शैली की इस अजीब तरह की बीमारी को देख उसके माता-पिता की आंखों में आंसू आ जाते हैं. इतने प्यार से जिसे पाला उसकी ये बेबसी उनसे देखी नहीं जाती.वो हर दिन बस दिल में एक ही उम्मीद लिए रहते हैं कि कैसे भी करके बिटिया को उसका बचपन लौटा दें.

शैली के मां-बाप हर रोज उसकी सलामती के लिए वो उसे रोकते टोकते हैं. वो सिर्फ इसलिए कि कहीं उसे कोई परेशानी ना हो, लेकिन बचपन तो इन बातों से अनजान होता है. उस नन्हीं सी जान ने भी अब अपनी बेबसी को पहचानना शुरू कर दिया है. वो कहती है कि मैं स्कूल नहीं जाना चाहती क्योंकि साथी मुझे चिढ़ाते हैं. कोई इसे देखते ही मजाक उड़ाने लगता है तो कोई एलियन तक कह डालता है लेकिन कोई इसकी तकलीफ नहीं समझता.

दरअसल गर्दनीबाग पटना की रहने वाली 7 साल की शैली क्रोजन सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित है लेकिन उसके परिवार वालों के पास इतने पैसे नहीं कि वो शैली की आंखों का इलाज करा सके. शैली की असाधारण दिखने वाली बड़ी आंखों में जरा सी भी चोट लगते ही बाहर निकल आती है और यह दर्द से तड़पने लगती है. आम लड़कियों की तरह शैली के भी सपने हैं,इसके भी अरमान हैं और इसकी आंखों में भी उम्मीदें हैं लेकिन बेबसी ऐसी कि जो सपने साकार नहीं होने देती.

मुश्किल से दो जून की रोटी जुटा पाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को अब सरकार से मदद की दरकार है ताकि बेटी के आंखों का इलाज हो सके. असाधारण वाली आंखों के कारण शैली ना तो स्कूल जाती है और ना ही घर से बाहर निकलती है. आने जाने वाले लोगों की निगाह बस शैली को एकटक घूूरती रहती है. नन्ही गुड़िया को गाने का भी शौक है. ये हनी सिंह की फैन हैं.ये बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है.छोटे भाई बहन उसे घर में ही उसे क्लास की तालीम देते हैं. कुदरत की दी हुई शैली की आंखें ही सिर्फ अजीब नहीं बल्कि इसके चेहरे भी असाधारण हैं.परेशानी का सबब बन चुकी आंखों के कारण पैर रहते भी ये घरों में कैद रहती है. माता पिता ने कई अस्पतालों में इलाज करवाया बावजूद इसकी आंखें ठीक नहीं हुई.तकलीफें सहने के बावजूद शैली के हौसले बुलंद हैं.वैसे तो बड़ी-बड़ी आंखें भले ही सुंदर माने जाते हैं लेकिन शैली की बड़ी आंखें इस पर रोज कहर ढा रही हैं.यह ना तो ज्यादा देर पढाई कर सकती है और ना ही देख सकती है.

कुदरत की दी हुई शैली की आंखें ही सिर्फ अजीब नहीं बल्कि इसके चेहरे भी असाधारण हैं. परेशानी का सबब बन चुकी आंखों के कारण पैर रहते भी ये घरों में कैद रहती है. माता पिता ने कई अस्पतालों में इलाज करवाया बावजूद इसकी आंखें ठीक नहीं हुई.तकलीफ सहने के बावजूद शैली के हौसले बुलंद हैं.वैसे तो बड़ी-बड़ी आंखें भले ही सुंदर माने जाते हैं लेकिन शैली की बड़ी आंखें इस पर रोज कहर ढा रही हैं.यह ना तो ज्यादा देर पढाई कर सकती है और ना ही देख सकती है.

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