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आग से खेल रहा है ब्रिटेन, हो सकती है जंग : रूस

मास्को (एजेंसी) : ब्रिटेन के सेल्सबरी में पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल को ज़हर दिए जाने की घटना के बाद रूस और पश्चिम के अन्य देशों के बीच शुरू हुआ कूटनीतिक गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में रूस ने ब्रिटेन पर “मनगढंत कहानी गढ़ने” का आरोप लगाया है और कहा है कि वो “आग से खेल रहा है”। स्क्रिपल को ज़हर दिए के बाद जारी तनाव के सिलसिले में बात करने के लिए ये बैठक रूस ने बुलाई थी। रूस का कहना था कि ब्रिटेन को कुछ वैध सवालों के उत्तर देने हैं। बैठक में रूस के दूत वेसिली नेबन्ज़ा ने कहा है कि ब्रिटेन का मुख्य उद्देश्य रूस पर बेबुनियाद आरोप लगा कर उसे बदनाम करना और अवैध करार देना है। नेबन्ज़ा ने कहा कि ब्रिटेन बिना सबूत ख़तरनाक आरोप लगा रहा है और रूस के ख़िलाफ़ “प्रोपेगैंडा वॉर” चला रहा है। उन्होंने कहा कि हमले के लिए जिस नोविचोक नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया गया को केवल रूस के पास नहीं हैं। हालांकि ये नाम रूसी है लेकिन कई देशों ने इसे बनाया है। यह किसी नाटक की तरह लगता है, क्या आपके पास कहने के लिए कोई बेहतर झूठी कहानी नहीं है? वेसिली नेबन्ज़ा ने कहा कि रूस किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर मारने की कोशिश क्यों करेगा, उन्होंने कहा कि किसी को मारने के लिए नर्व एजेंट की जगह सैंकड़ों और तरीके हैं जो ब्रितानी टेलीविज़न सिरीज़ ‘मिडसमर मर्डर’ में दिखाए गए हैं।
वहीँ संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के दूत कैरन पीयर्स ने कहा कि ब्रिटेन के लगाए सभी आरोपों की जांच की जा सकती है उन्होंने कहा कि रूस का जांच में हिस्सा लेना कुछ उसी तरह है जैसा किसी आग लगाने वाले का उसके कारणों की जांच करना। पीयर्स का कहना था कि रूस पर आरोप लगाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दौर से हमें सुरक्षित रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को कमज़ोर आंक रहा है। रूस पर शक करने की कई वजहें हैं, रूस सरकार समर्थित हत्याएं कराती रही है और जो इसकी बात नहीं मानते उन्हें अपना निशाना बनाते हैं। ब्रिटेन का कहना है कि रूस की यूलिया स्क्रिपल से मुलाक़ात करने की गुज़ारिश को हमने आगे बढ़ा दिया है, उनकी इच्छा का भी सम्मान किया जाना चाहिए। पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को ज़हर दिए जाने के लिए रूस ज़िम्मेदार है जबकि रूस खुद पर लगे आरोपों से इनकार करता आया है। रूस ने बुधवार को इसकी जांच में हिस्सा लेने की गुज़ारिश की थी लेकिन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ प्रोहिबिशन ऑफ़ केमिकल वीपन्स ने इसे खारिज कर दिया था।

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