हैदराबाद : एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के उस बयान पर विरोध दर्ज कराया है, जिसमें उन्होंने दादरी कांड को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की बात कही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति की गाय का मांस खाने की अफवाह के चलते भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ओवैसी ने यहां पत्रकारों से कहा कि यदि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी के सदस्य आजम खान के बयान का समर्थन करते हैं तो सपा सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में घटी घटना देश का आंतरिक मामला है और मुस्लिम समुदाय कभी भी देश के खिलाफ नहीं जा सकता। ओवैसी ने कहा, “आखिर सपा क्या संदेश देना चाहती है। मेरी आजम खान से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं देश के रक्षामंत्री रह चुके मुलायम से पूछना चाहता हूं कि उनका आजम के बयान पर क्या विचार है।”
ओवैसी ने मुलायम से जवाब की मांग करते हुए कहा, “क्या उनका मानना है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार नहीं चला सकती। आपने फिर संविधान की शपथ क्यों ली।” ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई सपा जैसी सरकारों से है, जो आम लोगों की रक्षा करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी के बिहार में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि बिहार में 1955 से ही गौ-हत्या प्रतिबंधित है। ओवैसी ने कहा कि इससे पता चलता है कि उन्हें विकास की कोई चिंता नहीं है, बल्कि वे वोट पाने के लिए इस तरह के विवादित मुद्दे उठा रहे हैं। बिहार के आगामी चुनाव में छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके ओवैसी ने कहा, “बिहार वासियों को गोमांस पर प्रतिबंध या गौ-हत्या पर रोक लगाने से कोई लेना-देना नहीं है। गौ-हत्या पर बहस क्यों, आम लोगों की बात करिए। वे विकास, शुद्ध पेयजल और भ्रष्टाचार उन्मूलन जैसे मुद्दों की अपेक्षा कर रहे हैं।” वित्तमंत्री अरुण जेटली के दादरी को भारत की छवि धूमिल करने वाली घटना बताने वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि सवाल छवि की नहीं, बल्कि हमारी ‘नैतिकता और नैतिक कर्तव्यों’ की है।