लखनऊः अखिलेश यादव के करीबी पूर्व मंत्री और वर्तमान में समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां ने बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान किया है। आजम खान मंच से बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को लेकर कहा था कि इस आदमी के हाथ का इशारा कहता है कि जहां पर खड़े हैं, ये जमीन तो हमारी है। और सामने वाला खाली प्लाट भी मेरा हैं। तत्कालीन मु. अखिलेश यादव को खुश करने पर दलितों को अपमानित करने के लिए आजम खां ने बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान किया था। जब आजम खां यह बोल रहेे थे तो उस समय मु. अखिलेश यादव भी मंच पर मौजूद थे। लेकिन अखिलेश यादव ने इसका न तो खण्डन किया और न ही आजम खां को ऐसा बयान देने से रोका। यह बयान 6 सितंबर वर्ष 2016 को कैबिनेट मंत्री के पद पर रहते हुए आजम खां ने दिया था। अखिलेश यादव गाजियाबाद में हज हाऊस के उद्याटन के लिए पहुंचे थे। आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अनुसूचित जन जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डाॅ. लालजी प्रसाद निर्मल ने इसे पूरे दलित समाज के लिए अपमान जनक बताया है। डाॅ. निर्मल ने लखनऊ के वीवीआईपी गेस्टहाउस में प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि आजम खां को अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अम्बेडकर संविधान निर्माता हैं। एसे में संविधान निर्माता को जमीन माफिया बताने वाले आजम खां पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। क्योंकि आजम खां के इस बयान से पूरे देशा में लोगों की भावनाएं आहत हुई है। आंबेडकर महासभा इस पूरे मामले को लेकर आजम खां पर अमर्यादित और भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज करवाएगी। 6 सितंबर 2016 को दिए गए आजम खां के इस बयान का संदर्भ में महत्व और बढ़ जाता है, कि पांच साल तक आंबेडकर का अपमान करने वाली सरकार सत्ता से बेदखल होने के बाद आंबेडकर की हितैषी होने का ढोंग कैसे कर रही है। मायाबती ने आजम खां के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं करवाया था। ऐसे में मायावती को भी जवाब देना चाहिए, कि जिस पार्टी का नेता आंबेडकर को जमीन कब्जा करने वाला व्यक्ति मानते हैं और दलित को उसी नजरिये से देखते है। वह अपने इस बिगड़ैल नेता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।