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लखनऊ। शिवपाल यादव, आजम खान जैसे दिग्गजों को किनारे कर सोमवार को सपा के दिग्गज विधायक राम गोविन्द चौधरी उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुना गया। सपा विधान मंडल दल की संस्तुति पर विधानसभा सचिवालय के विशेष सचिव प्रमोद कुमार जोशी ने नियुक्ति आदेश जारी कर दिया है।
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राम गोविन्द चौधरी अखिलेश के करीबियों में से माने जाते हैं
एसपी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राम गोविन्द चौधरी को विधायक दल का नेता मनोनीत किया है। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सीटें जीत कर समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, लिहाजा रामगोविन्द विपक्ष के भी नेता होंगे। राम गोविन्द चौधरी को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। राम गोविन्द बलिया की बांसडीह सीट से विधायक हैं। कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके हैं।
आठ बार के विधायक राम गोविन्द चौधरी साल 1977 में पहली बार तत्कालीन चिलकहर सीट से जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये थे। छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरआत करने वाले करीब 70 साल के राम गोविन्द चौधरी राज्य की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री और बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री रहे। एसपी के मौजूदा विधायकों में वह सबसे वरिष्ठ हैं।
हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली सपा को मात्र 47 सीटें हासिल हुई थीं, इसके बावजूद वह मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही। उसकी सहयोगी कांग्रेस को महज सात सीटें ही हासिल हुईं।
राजेन्द्र चौधरी ने यह भी बताया कि कल समाजवादी पार्टी विधानमण्डल दल की बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। आगामी 29 मार्च को एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा विधायकों की बैठक बुलाये जाने के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।