अद्धयात्म
आज इस योग में रहें संभलकर, हो सकता है दोहरा मुनाफा या दुगुना नुकसान
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ 31 जनवरी 2016 को रविवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: उत्तर, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु.मास: रवि-उलसानी-20, ऋतु: शिशिर, मास: माघ, पक्ष: कृष्ण है।
शुभ तिथि
सप्तमी भद्रा संज्ञक तिथि रात्रि 7.44 तक, तदुपरान्त अष्टमी जया संज्ञक तिथि रहेगी।
नक्षत्र
चित्रा नक्षत्र प्रात: 10.51 तक, तदन्तर स्वाति नक्षत्र रहेगा।
योग
शूल नामक योग रात्रि 11.17 तक तदन्तर गंड नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक अशुभ योग हैं। गंड नामक योग की प्रथम छह घटी वर्जित हैं।
विशिष्ट योग
सूर्योदय से प्रात: 10.51 तक राजयोग, द्विपुष्कर नामक शुभाशुभ योग व दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग रहेंगे। द्विपुष्कर नामक योग में कोई भी शुभ या अशुभ अथवा लाभ व हानि का कार्य घटित हो तो वैसा ही शुभाशुभ व लाभ हानि का कार्य एक बार और घटित होता है। इस प्रकार इस योग के नामानुसार दोहरा लाभ व दोहरी हानि होती है।
करण
बव नामकरण रात्रि 7.44 तक, इसके बाद बालवादि करण रहेंगे।
चंद्रमा
संपूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में रहेगा।
परिवर्तन
सायं 4.04 पर शनिदेव ज्येष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण में प्रवेश करेंगे।
व्रतोत्सव
रविवार को श्री रामानन्दाचार्य जयंती तथा गुरु हरिराय जयन्ती (नवीन मत से) है।
शुभ मुहूर्त
उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार रविवार को चित्रा नक्षत्र में विवाह (केतुवेध दोष), गृहारम्भ व गृहप्रवेश के (केतुवेध दोषयुक्त) अति आवश्यकता में अशुद्ध मुहूर्त हैं तथा स्वाति नक्षत्र में देवप्रतिष्ठा, वाहन क्रय करना व प्रसूतिस्नान के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।