आज उस जगह जाएंगे PM मोदी जहां भारतीय सैनिकों की तलवारें दुश्मनों की बंदूकों पर भारी पड़ी थीं
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99 साल प्रथम विश्वयुद्ध में हिंदुस्तान के वीर योद्धाओं ने हायफा को तुर्कों से मुक्त कराया था। 402 साल पहले वहां पर तुर्कों का आधिपत्य था।
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हाइफा समुंद्र किनारे बसा इजरायल का छोटा शहर है। हायफा के युद्द में एक तरफ तुर्क और जर्मन सेना थी तो दूसरी तरफ अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों को मोर्चे पर खड़ा कर दिया था।
इस युद्ध को भारतीय सैनिकों ने सिर्फ भाला, घुड़सवारी और तलवार के दम पर जीत लिया था जबकि दुश्मन के पास बंदूक से लेकर मशीनगन तक थीं। इस युद्ध में 44 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जिनकी समाधियां यहां पर बनाई गईं। भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए जर्मन सेना के 1350 सैनिकों को कब्जे में ले लिया था।
बता दें कि भारतीय सेनाओं के शौर्य, वीरता और बलिदान का सम्मान करते हुए इजरायल ने भिन्न भिन्न स्थानों पर उनकी स्मृति में मेमोरियल बनाए हैं। हर साल 23 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा हायफा दिवस मनाया जाता है।