अद्धयात्म

आज करें हनुमानजी का पूजन, दूर होंगे जीवन के कष्ट

दस्तक टाइम्स/एजेंसी: salasar-balaji-55a78b83ee85c_l10 नवम्बर 2015 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: दक्षिण, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु. मास: मुहर्रम-27, ऋ तु: हेमन्त, मास: कार्तिक, पक्ष: कृष्ण है।

शुभ तिथि

चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि रात्रि 9.23 तक, इसके बाद अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। वैसे कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी व अमावस्या दोनों ही तिथियां शुभ व मांगलिक कार्यों में वर्जित कही गई हैं पर मंगलवार को रूप चतुर्दशी व नरक चतुर्दशी है। इस दिन बिजली, अग्नि, उल्का आदि से मृतकों को शान्ति के लिए चार मुख वाले दीपक को प्रज्वलित करके यथाशक्ति दान करना चाहिए।

चतुर्दशी तिथि में क्षौर व यात्रा का यथासंभव त्याग करना चाहिए। चतुर्दशी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, कीर्तिवान, साहसी, झूठ से घृणा करने वाला, शीतल स्वभाव, सुकार्य करने वाला तथा मान-सम्मान पाने वाला होता है।

नक्षत्र

चित्रा प्रात: 11.02 तक, इसके बाद स्वाति नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा। चित्रा नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, कारीगरी, वास्तु, अलंकार व कृषि सम्बन्धी कार्य तथा स्वाती में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, बीज-वृक्षादि रोपण, वास्तु, कृषि, यात्रा, बाग-बगीचा तथा अन्य घरेलू कार्यादि शुभ कहे गए हैं। चित्रा नक्षत्र में जन्मा जातक बुद्धिमान, साहस, धनवान, दानी, सुशील, सुन्दर, सुन्दर लिखावट वाला, कई कलाओं में निपुण और अभिनय आदि का जानने वाल होता है। इनका भाग्योदय कुछ विलम्ब से लगभग 33 से 38 वर्ष के मध्य होता है।

योग

आयुष्मान नामक योग अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.18 तक, तदुपरान्त सौभाग्य नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।

करण

भद्रा संज्ञक विष्टि नाम करण प्रात: 8.18 तक, तदन्तर शकुनि आदि स्थिर संज्ञक करण रहेंगे। स्थिर संज्ञक करणों में पितृकार्यादि कर सकते हैं।

चंद्रमा

सम्पूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में रहेगा।

परिवर्तन

बुध अर्द्घरात्रि के बाद 2.11 पर विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।

व्रतोत्सव

मंगलवार को रूप चतुर्दशी व नरक चतुर्दशी निमित्त सायं दीपदान व प्रात: काल प्रभात स्नान व दीपदान, चन्द्रोदय जयपुर में प्रात: 5.17 पर। नरक चतुर्दशी को सायंकाल दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल, तिल, और कुश लेकर तर्पण करें। इस दिन की अर्द्घरात्रि के समय घृत पूर्ण दीपक जलाकर श्रीहनुमान जयंती मनाई जाती है। उन्हें मोदक, केले फलादि अर्पण करके सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए। इससे भक्त के जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होता है।

शुभ मुहूर्त

उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शद्ध मुहूर्त नहीं हैं पर विशेष स्थिति में भद्रोत्तर स्वाति नक्षत्र में प्रसूतिस्नान का शुभ मुहूर्त है।

 

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