योग गुरु बाबा रामदेव रामनवमी पर 22 वर्ष के ‘गबरू’ हो जाएंगे। 1995 में रामनवमी के दिन ही बाबा रामदेव को हरिद्वार में संन्यास की दीक्षा दी गई थी। चूंकि संन्यासी की आयु उसके संन्यास की तिथि से ही मानी जाती है, अत: बाबा स्वयं अपनी आयु संन्यास के दिन से ही गिनते हैं।
उनका 22वां संन्यास दिवस बुधवार को उनके जन्मदिन के रूप में योग परिवार के श्रद्धालुओं के बीच मनाया जाएगा। दो दशकों में ही बाबा ने समूचे विश्व में योग और आयुर्वेद में तो क्रांति की है, उसकी दूसरी मिसाल नहीं।