एजेंसी/ नई दिल्ली। कश्मीर के लोगों से सीधा संवाद कायम करने के अपने वादे को पूरा करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के लिए श्रीनगर जा रहे हैं। शनिवार और रविवार को वहां वे विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे।
लगभग एक हफ्ते की शांति के बाद शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ नई झड़पों और इसमें एक युवक की मौत को देखते हुए राजनाथ की यात्रा को अहम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि गृह मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कश्मीर पर चर्चा का जवाब देते हुए जनता से सीधा संवाद करने का वादा किया था। उनका कहना था कि कश्मीर का आम नौजवान देशभक्त और शांतिप्रिय है।
लेकिन पाकिस्तान के बहकावे में कुछ नौजवान रास्ता भटक गए हैं। कश्मीर के ताजा घटनाक्रम के लिए उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था।
श्रीनगर में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर राजनाथ वहां के लोगों का मिजाज भांपने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही वे यह संदेश भी देंगे कि कश्मीर का विकास और वहां के लोगों की भलाई भारत के साथ रहने में है।
वे कश्मीर के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी भी देंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, राजनाथ से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल चुनने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी गई है। इनमें सभी वर्गों और क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
हुर्रियत से नहीं मिलेंगे
राजनाथ के एजेंडे में हुर्रियत नेताओं से मिलने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। ध्यान देने की बात यह है कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से हुर्रियत को कश्मीरियों का प्रतिनिधि मानने से इन्कार कर दिया था।
हुर्रियत नेताओं से बातचीत के कारण पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत भी रद कर दी गई। पिछले दिनों कश्मीर के हालात पर चर्चा के दौरान संसद में हुर्रियत का किसी ने नाम भी नहीं लिया था। हुर्रियत नेता अपनी पाकिस्तान परस्ती के लिए बदनाम रहे हैं।