आज धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है धूमकेतु, कुछ ऐसा होगा नजारा
16 दिसंबर यानी आज के दिन एक धूमकेतु धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है. बीते 70 वर्षों में इसे अब तक का सबसे चमकदार धूमकेतु माना जा रहा है. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (Nasa) के मुताबिक, इस धूमकेतु को बिना दूरबीन की मदद लिए भी देखा जा सकेगा. बता दें, 46पी वर्टानेन नाम का ये धूमकेतु 16 दिसंबर के दिन धरती के लगभग 11.4 मिलियन किमी दूरी से गुजरता हुआ सूर्य की ओर बढ़ जाएगा. ऐसी स्थिति बहुत दुर्लभ ही उत्पन्न होती है.
46पी वर्टानेन को बड़ी दूरबीनों के जरिए पहले ही देखा जा चुका है. लेकिन अभी तक इसमें होने वाली चमक के बारे में सही जानकारी नहीं मिल सकी है. लेकिन माना जा रहा है कि जैसे-जैसे यह धूमकेतु सूर्य के करीब पहुंचेगा, इसकी चमक बढ़ने लगेगी.
NASA ने शुक्रवर (14 दिसंबर) के दिन एक बयान में कहा कि, ऐसा माना जा रहा है कि धरती के सबसे करीब आने पर धूमकेतु को दूरबीन या नंगी आखों से देखा जा सकेगा. कैलिफोर्निया में नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज प्रबंधक पॉल चूडास ने बताया, ‘ये धूमकेतु कई सदियों तक धरती के सबसे करीब आने वाले धूमकेतु में से एक होगा.’
उन्होंने आगे बताया आने वाले वर्षों में दिखने वाले धूमकेतुओं में ये सबसे ज्यादा चमकदार धूमकेतु भी हो सकता है. इससे खगोल वैज्ञानिकों को धूमकेतु के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने में काफी मदद मिलेगी. बता दें, साल 1948 में एस्ट्रोनोमर कार्ल वर्टानेन ने धूमकेतु की खोज की थी, जिसके बाद उन्हीं के नाम पर धूमकेतु का नाम 46पी वर्टानेट रखा गया. उस धूमकेतु का केंद्रीय नाभिक आकार 1.1 किलोमीटर का था.
धूमकेतु बर्फ, चट्टान, धूल, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया और कई अन्य पदार्थों के मिश्रण से बने हुए छोटे-छोटे खण्य होते हैं. ग्रहों की तरह ही धूमकेतु भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं.
सूर्य के नजदीक पहुंचने पर इनकी बर्फ पिघलने लगती है और सूर्य की रोशनी में इनकी लाखों-करोड़ों किलोमीटर लंबी पूंछ दिखाई देने लगती है. लेकिन सूर्य से दूर होने पर पूंछ भी छोटी होने लगती है. खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि धूमकेतु सौरमंडल की उत्पत्ति में प्रकाश डालने में मददगार साबित हो सकते हैं. इसकी सही जानकारी प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक इस रहस्य की खोज में लगे हुए हैं.