अद्धयात्म
आज बसंत नवरात्र होंगे संपूर्ण, मां सिद्धिदात्री के पूजन से मिलेगी शिव-शक्ति की कृपा
एजेन्सी/ अपने भक्तों को पूजन व उपवास आदि का संपूर्ण फल देने के लिए मां दुर्गा ने सिद्धिदात्री का रूप धारण किया था। यह मां का नौवां रूप है। जिस दिन नवरात्र संपूर्ण होते हैं, देवी के इसी रूप का पूजन किया जाता है।
15 अप्रेल 2016 को नवरात्र संपूर्ण होंगे। इस दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन करें। देवी के इस रूप की कई कथाएं भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप से संबंधित हैं। इनके पूजन, स्मरण एवं उपवास से देवी के साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है।
मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है। वे कमलासन पर विराजमान हैं। इनके चार हाथ हैं, जिनमें ये शंख, चक्र, गदा एवं कमल का पुष्प धारण करती हैं। जिनका स्वास्थ्य अक्सर खराब रहता है, उन्हें देवी के इस स्वरूप का पूजन अवश्य करना चाहिए।
ध्यान
वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥
स्वर्णावर्णा निर्वाणचक्रस्थितां नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शख, चक्र, गदा, पदम, धरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर, परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदना पल्लवाधरां कातं कपोला पीनपयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
स्तोत्र पाठ
कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता।
नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोअस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।
भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
कवच
ओंकारपातु शीर्षो मां ऐं बीजं मां हृदयो।
हीं बीजं सदापातु नभो, गुहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजपातु क्लीं बीजं मां नेत्र घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै मां सर्व वदनो॥
पढ़ना न भूलेंः