आज मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में संगम में डुबकी के लिए उमड़ा जनसैलाब, 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान
प्रयागराज : मौनी अमावस्या पर आज संगम पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। चाहे स्नान घाट हों या संगम के रास्ते। हर तरफ जन ज्वार हिलोरें मारता रहा। मेला प्रशासन ने सुबह आठ बजे तक 40 लाख श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया है। मौन डुबकी लगाने संगम पर श्रद्धालुओं का तांता संगम जाने वाले हर मार्ग पर लगा है। मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान आधी रात दो बजे से ही शुरू हो गया है। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं से स्नान घाट पैक हो गए हैं। मौनी अमावस्या स्नान पर्व को देखते हुए गुरुवार की शाम मूल अक्षयवट और सरस्वती कूप में श्रद्धालुओं का प्रवेश स्थगित कर दिया गया। भीड़ को देखते हुए आज इन दोनों तीर्थों में भक्त प्रवेश नहीं कर सकेंगे। मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में नाव संचालन की अनुमति न मिलने से नाविक निराश है। नाराज नाविकों का एक दल इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष रंजन निषाद से मिला। मुलाकात के दौरान नाविकों ने कहा कि पिछले वर्ष कुंभ के दौरान जब नाव संचालन के दौरान कोई दुर्घटना नहीं हुई तो इस वर्ष पाबंदी क्यों लगाई गई। नाविकों से हुई मुलाकात के बाद पीयूष रंजन ने कहा कि माघ मेले के दौरान ही नाविकों को कमाई होती है। ऐसे में इस दौरान नावों का संचालन रोकने का कोई औचित्य नहीं।
उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि अमावस्या के अवसर पर भी नाव संचालन की अनुमति नाविकों को दी जाए। इससे श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी। उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलने से निजात मिलेगी। मेला प्रशासन द्वारा नाव संचालन रोक दिए जाने से सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। माघ मेला के मौनी अमावस्या पर्व पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों समेत 300 अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए हैं। सभी एसीएमओ के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को भी मेला ड्यूटी में लगाया गया है। व्यवस्था ऐसी की गई है कि ड्यूटी रोस्टर के अतिरिक्त डॉक्टरों की उपलब्धता रहे। सीएमओ आफिस में तैनात लिपिकों समेत अन्य स्टाफ को बुधवार से शुक्रवार तक मेला में ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया है। 20-20 बिस्तरों वाले दो बड़े अस्पतालों के साथ सेक्टरों में स्थापित एक-एक बिस्तर वाले मेला अस्पतालों में डॉक्टर, स्टाफ और दवाओं की उपलब्धता रहेगी। सीएमओ मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी ने मेला के इस मुख्य स्नान पर्व के लिए 80 एंबुलेंस को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया है। मेला क्षेत्र में सभी एसीएमओ को पर्यवेक्षण के लिए लगाया गया है।