आज रात मंगल को ढकेगा चांद
नई दिल्ली : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज रात एक खगोलीय घटना होने जा रही है। सीधे शब्दों में कहें तो ग्रहण लगने जा रहा है लेकिन यह सूर्य या चांद पर नहीं बल्कि मंगल ग्रह पर लगेगा। इसमें मंगल ग्रह चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा। हालांकि यह खगोलीय घटना भारत या एशिया में कहीं से भी दिखाई नहीं देगी। इस खगोलीय घटना को मून-मार्स ऑकल्चरेशन कहा जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि यह घटना साल में दो बार होती है इसलिए बहुत अधिक दुर्लभ तो नहीं है लेकिन यह अपने आप में आकर्षक घटना है जो दर्शकों को रोमांच से भर देगी। उत्तरी और मध्य अमेरिका के निवासी लगभग एक घंटे तक कल सुबह (स्थानीय समय) इसे स्पष्ट रूप से देख पाएंगे। पैसिफिक टाइम ज़ोन में लोग इसके अंतिम दृश्य को देख पाएंगे जबकि सेंट्रल टाइम ज़ोन में लोग इसकी शुरुआत देख पाएंगे। लुनार ऑकल्टेशन भी एक तरह का ग्रहण ही है। यह तब घटित होता है जब कोई एक ऑब्जेक्ट या वस्तु किसी अन्य ऑब्जेक्ट की आड़ में आ जाए और दर्शक को यह दिखाई ना दे। ऐसी स्थिति में आधा चंद्रमा मंगल ग्रह के सामने से गुजर रहा होगा और कुछ समय के लिए पृथ्वी से मंगल ग्रह दिखाई देना बंद हो जाएगा। इस घटना को ही मून-मार्स या लुनार ऑकल्टेशन कहते हैं। कोई भी ऑकल्टेशन तब होता है जब एक दो ग्रहों के बीच दूर के तारे चंद्रमा या किसी ग्रह द्वारा छिप गए होते हैं। एक पिछली रिपोर्ट के अनुसार इस साल 2020 में चंद्रमा पांच बार मंगल को इसी तरह कवर करेगा।
चंद्रमा मंगल की दिशा में बाईं ओर बढ़ेगा और मंगल को इसे पूरी तरह छुपाने में लगभग 14 सेकंड का समय लगेगा। मंगल एक घंटे और डेढ़ मिनट तक चांद की इस ओट में रह सकता है। इस ग्रहण को विश्व में अलग-अलग देशों में अलग-अलग समय पर देखा जा सकेगा। पूर्वी समय क्षेत्र के लोग सुबह लगभग 7:36 बजे स्थानीय सूर्योदय के बाद इस घटना को देख सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अच्छे दूरबीन की आवश्यकता होगी। माउंटेन टाइम ज़ोन में रहने वाले लोगों को ग्रहण की शुरुआत और अंत दोनों के दृश्य सुबह से पहले सबसे अच्छे तरीके से दिखाई देंगे। इन्हें इस घटना को सुबह 4:41 बजे के आसपास देखना चाहिए। पैसिफिक टाइम जोन के रहवासी सुबह लगभग 4:20 बजे इस घटना के साक्षी बन सकते हैं। सेंट्रल टाइम ज़ोन के निवासियों को इसे सुबह लगभग 5:52 बजे देखना चाहिए।