राजनीति

आज राहुल गांधी की त्रिपुरा में चुनाव प्रचार रैली, जानिए जीत के सियारी मायने

नई दिल्ली । विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज त्रिपुरा दौरे पर जाएंगे। राहुल गांधी विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार के तहत ऊनाकोटी जिले में एक जनसभा संबोधित करेंगे। बता दें कि त्रिपुरा में चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है। राहुल गांधी आखिरी दौर में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही वे रामकृष्ण कॉलेज स्टेडियम पहुंचेंगे, जहां वे एक चुनाव सभा को संबोधित करेंगे। कांग्रेस पूर्वोत्तर में माणिक सरकार की अगुवाई वाली माकपा सरकार को सत्ता से हटाना चाहती है, हालांकि भाजपा ने भी इसी रणनीति के तहत त्रिपुरा में चुनाव प्रचार किया। हालांकि दोनों पार्टियों के लिए त्रिपुरा की सियासी लड़ाई आसान नहीं होगी, क्योंकि त्रिपुरा में सालों से वाम दलों का शासन चलता आया है। माणिक सरकार 1998 से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं।

18 फरवरी को त्रिपुरा में चुनाव

18 फरवरी को त्रिपुरा की 60 सदस्यी विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसका परिणाम तीन मार्च को घोषित होगा। कांग्रेस ने 56 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। देश में अपने अस्तिव को बचाने में जुटी कांग्रेस के लिए यह चुनाव किसी जंग से कम नहीं है। कांग्रेस इसे बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है। हालांकि गुजरात विधानसभा चुनाव और राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन ने पार्टी में नई ऊर्जा जरूर भरने का काम किया है। वहीं, पिछले चुनाव में राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और माकपा के बीच रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 में यह त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, माकपा के अलावा भाजपा ने भी त्रिपुरा की कुर्सी हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।

भाजपा का पूर्वोत्तर में ‘कमल’ खिलाने का लक्ष्य

 

बहरहाल भाजपा त्रिपुरा में अपने मुकाबले के रूप में माणिक सरकार को देख रही है। जहां पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचार का प्रमुख चेहरा रखा। केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा पूर्वोत्तर में अपने पैर परासने की शुरुआत त्रिपुरा से करना चाहती है। चुनाव के मद्देनजर पीएम ने दो बार त्रिपुरा का दौरा किया और चुनावी सभा को संबोधित किया। उनके निशाने पर माणिक सरकार रहे। ऐसे में प्रदेश की कमान संभाले हुए मुख्यमंत्री माणिक सरकार को कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है।

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