अद्धयात्म

आज शुरू होगा हिंदू नव वर्ष, जानें क्या है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा

भारत एक ऐसा देश है जहां हर धर्म के लोगों को पाया जा सकता है। भारत में हर धर्म के त्यौहार को मनाया जाता है। वैसे तो लोग नया साल 1 जनवरी को मनाते है। लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार हिंदू नव वर्ष चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस बार हिन्दू नव वर्ष आज अप्रैल को है। हिन्दू नव वर्ष पूरे देश में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के लोग अपने साल भर में आने वाले सभी त्यौहार इसी नववर्ष के अनुसार मनाते है। हिंदू कैलेंडर जिसे पंचांग कहते हैं उसके अनुसार ही सभी शुभ काम भी किए जाते हैं। कहा जाता है कि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा के दिन भगवान ब्रह्ना ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।

इसी दिन से हिंदू नया साल भी मनाया जाता है। उत्तर में हिन्दू नववर्ष को नवरात्र के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है इस दिन देवी के नौ रूपों के दर्शन हुए थे इसलिए नववर्ष के पहले दिन से नौ दिन तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। लोग 9 दिन माता की पूजा-अर्चना कर व्रत रखते है। कहते है इन 9 दिनों जो भी सच्चे मन से माता के व्रत रखता है मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामना पूरी करती है। वहीं महाराष्ट्र में माना जाता है कि इसी दिन शालिवाहन नाम के एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से अपने शत्रुओं पर विजय पाई थी, इसलिए महाराष्ट्र में हर घर में गुड़ी (विजय पताका) सजाया जाता है।

दक्षिण में माना जाता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत में रहने वाले लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाया था। वहां भी विजय पताका फहराया जाता है। गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे संवत्सर पड़वो कहते हैं तो कर्नाटक में इसे युगादि कहते हैं और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगादी। महाराष्ट्र में मराठी महिलाएं नौवारी यानी 9 गज लंबी साड़ी पहनती हैं और सूर्य देव की पूजा के बाद गुड़ी की पूजा करती हैं। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इस दिन पच्चड़ी/प्रसादम् बांटा जाता है। माना जाता है कि इस प्रसाद को खाने वाला व्यक्ति साल भर निरोगी रहता है। हर जगह अलग-अलग तरीके से नववर्ष मनाया जाता है।

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