भारतीय स्टेट बैंक अपने पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक के खुद में विलय की प्रक्रिया को एक अप्रैल से शुरू कर रही है। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया को तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विलय के बाद करीब 1,500-1,600 शाखाएं बंद कर दी जाएंगी क्योंकि कई जगह ज्यादा शाखाएं हैं। यह शाखाएं स्टेट बैंक या उसके सहयोगी बैंकों की होगी इस पर निर्णय स्थान को देखते हुए लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार पहले ही स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक के विलय की मंजूरी दे चुकी है। बैंक के प्रबंध निदेशक (राष्ट्रीय बैंकिंग समूह) रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक से विलय को पूरा करने के लिए तीन माह का समय मांगा है। इसे इसी समयसीमा में पूरा हो जाना चाहिए।’’ यह विलय चरणों में होगा। पहले डाटा को एकीकृत किया जाएगा और नई पासबुक और चेक बुक भी जारी करनी होंगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने में तीन महीने लगेंगे।
महंगी हुईं एसबीआई की कई सेवाएं
- 1 अप्रैल से एसबीआई अपने ग्राहकों को सिर्फ एक महीने में तीन बार ही बैंक खातों में पैसे जमा कराने की मुफ्त सेवा मुहैया कराएगा।
- तीन बार के बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपये का शुल्क और सेवाकर देना होगा। वहीं चालू खातों के मामले में यह शुल्क अधिकतम 20,000 रुपये भी हो सकता है।
- बैंक ने एटीएम सहित अन्य सेवाओं के शुल्क में भी बदलाव किए हैं। बैंक ने मासिक औसत बकाया (मिनिमम बैलेंस) के नियमों में भी बदलाव किए हैं।
- मेट्रो सिटी के खातों के लिए न्यूनतम 5000 रुपए, शहरी क्षेत्रों में 3000 रुपए, सेमी अर्बन में 2000 तथा ग्रामीण या रूरल इलाकों में 1000 रुपए न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी होगा।
- न्यूनतम राशि ना रखने वाले ग्राहकों से बैंक चार्ज वसूलेगा।
- एक महीने में अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी पर 20 रुपए और एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा निकासी पर 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।