
कलश स्थापना के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। जिस तरह पूजा करते समय रौली, पुष्प, फल का महत्व है उसी तरह पूजा में कलश की स्थापना का विशेष महत्व है। कलश की स्थापना करने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है और जिस कार्य सिद्धि के लिए पूजा की जा रही है उसमें सफलता मिलती है।
स्वस्तिक अर्थात कुशल एवं कल्याण। गणेश पुराण में कहा गया है कि स्वस्तिक चिह्न भगवान गणेश का स्वरूप है, जिसमें सभी विघ्न-बाधाएं और अमंगल दूर करने की शक्ति है। पुराणों में स्वस्तिक को अविनाशी ब्रह्म की संज्ञा दी गई है।
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