7 नवंबर 2018 को मंगल मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। भूमिपुत्र मंगल का कुंभ राशि में गोचर 12 राशियों पर कैसा प्रभाव डालेगा जानने के लिए आगे की स्लाइड क्लिक करें —
मेष राशि –
मेष राशि में मंगल एकादश भाव में होगा। यहां मंगल लग्नेश व अष्टमेश होता है। यह समय अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का योग बनाता है। ऐसे में मंगल की शुभता पाने के लिए जातक को मंगल यंत्र धारण करना चाहिए।
वृषभ राशि –
वृषभ राशि में मंगल दशम भाव में होगा। वृषभ राशि में मंगल सप्तमेश एवं व्ययेश होने के कारण द्वितीय मारकेश है। फलत: यह अशुभ फलदायी होगा। जातक को संतान के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। यदि जातक नौकरी की तलाश में है, तो यह समय शुभ होगा। उपाय हेतु मंगल चंडिका स्त्रोत पढ़ें, लाभ होगा।
मिथुन राशि –
मिथुन राशि में मंगल नवम भाव में होगा। यहां मंगल षष्ठेश व लाभेश होने के कारण अशुभ फलदायक है। जातक को कोई अल्प रोग हो सकता है। उपाय हेतु जातक नारंगी रंग का सुगन्धित रूमाल हर समय जेब में रखें।
कर्क राशि –
कर्क राशि में मंगल अष्टम भाव में होगा। यहां मंगल लाभ स्थान में होगा। इस समय जातक को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है। इस राशि के जातक शांति हेतु मंगल ग्रह शांति का विधान करें, लाभ होगा।
सिंह राशि –
सिंह राशि में मंगल सप्तम भाव में होगा। यहां मंगल केंद्र और त्रिकोण दोनों का स्वामी है। ऐसे में जातक के दाम्पत्य जीवन में कलह का प्रवेश हो सकता है। उपाय हेतु जातक मंगला गौरी का व्रत करें।
कन्या राशि –
कन्या राशि में मंगल षष्ठ भाव में होगा। यहां यह तृतीयेश एवं अष्टमेश होने से परम पापी है। कन्या राशि के जातकों के लिए यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करेगा। जातक को कोर्ट से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। इस दौरान शत्रुओं से विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है।
तुला राशि –
तुला राशि में मंगल पंचम स्थान में होगा। तुला लग्न में मंगल द्वितीयेश एवं सप्तमेश होने से मुख्य मारक ग्रह हैं। यहां मंगल अपनी शत्रु राशि में है, इसलिए यह यहां अशुभ फलदायी है। जातककोसंतानकीओरसेदुःख प्राप्तहोगा|
वृश्चिक राशि –
वृश्चिक राशि में मंगल चतुर्थ भाव में होगा। यहां मंगल लग्नेश एवं षष्ठेश है। लेकिन लग्नेश होते हुए भी यह पापी है। यदि कुंडली में मंगल बली है, तो शुभ फल देगा अन्यथा अशुभ फल देगा। यदि इस राशि के जातक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो यह इनके लिए शुभ समय है।
धनु राशि –
धनु राशि में मंगल तृतीय भाव में होगा। धनु राशि में मंगल पंचमेश व खर्चेश है। मंगल खर्चेश होते हुए भी शुभ योग प्रदाता है, क्योंकि यह गुरु का मित्र है। जातक को संतान का उत्तम सुख व संतान से लाभ प्राप्त होगा।
मकर राशि –
मकर राशि के जातकों के द्वितीय भाव में मंगल उपस्थित होगा। मकर राशि में मंगल चतुर्थेश या लाभेश होने से अशुभ है। ऐसे में संतान की ओर से सतर्क रहें। मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए दोपहर के समय बच्चों में चना – गुड़ आदि बांटे, लाभ होगा।
कुम्भ राशि –
कुम्भ राशि के जातकों के प्रथम भाव में उपस्थित होगा। कुम्भ राशि में मंगल तृतीयेश एवं राज्येश है। कुम्भ राशि में मंगल शुभ एवं अशुभ दोनों फल देता है। कुम्भ राशि में मंगल तृतीय मारकेश के रूप में काम करता है। जातक के विवाह में अचानक से रुकावट या विलंब होने संभावना है। सुख-शांति हेतु जातक श्री मंगल अष्टोत्तरशत नामावली का पाठ करें।
मीन राशि –
मीन राशि में यह मंगल द्वादश भाव में होगा। मीन राशि में मंगल धनेश एवं भावेश दोनों है। यहां मंगल शुभ फल दायी है। लेकिन जातक के विवाह में विलम्ब हो सकता है। विवाह विलम्ब की स्थिति में जातक घट विवाह करें, लाभ होगा।