जम्मू कश्मीर: सेना के १५ कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जी.ओ.सी.) लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद ठहर गया है और आतंकियों की यहां से वहां मूवमेंट की वजह से आतंकवाद मंत्र गति में था। जी.ओ.सी. दक्षिण कश्मीर में एक समारोह से इतर आतंकवाद विरोधी अभियानों में वृद्धि के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होने कहा कि यह कुछ भी असामान्य नही था। अभियान जारी रहते है लेकिन ऐसा समय आता है जब मूवमेंट में वृद्धि हो जाती है। और जब वैसा होता है तो हमारे अभियानों की तीव्रता स्वाभाविक रुप से बढ़ जाती है। हम समझते है कि यह इसी प्रवृत्ति का एक हिस्सा है। यह मूवमेंट में वृद्धि से संबंधित है। हालांकि, सैन्य कमांडर ने कहा कि पिछले दो सालों की तुलना में आतंकवाद की राह पर चलने वाले युवकों की संख्या में बढोतरी हुई है। स्थानीय युवकों द्वारा आतंकवाद में शामिल होने की संख्या ४० से ज्यादा है जो पिछले साल जैसी है। लेकिन यह निश्चित रुप से २०१३ और २०१२ से ज्यादा है। हां,उस हद तक वृद्धि हुई है और यह सभी एजेंसियों के लिए कुछ हद तक चिंता का विषय है। साहा ने कहा कि घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई है क्योंकि इस साल उतर कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास दजर्न के करीब घुसपैठ प्रयासों में १९ आतंकियों को मार गिराया गया है। इस साल, बर्फ का देरी से अनुभव किया गया। तब से घुसपैठ के ११ प्रयास किए गए हैं। उस हद तक तीव्रता में वृद्धि हुई है और इन प्रयासों में १९ आतंकियों को मार गिराया गया है। कुपवाडा जिला में पिछले सप्ताह घुसपैठ के दो प्रयासों जिनमें एक सैनिक और दो आतंकियों की मौत हो गई का हवाला देते हुए उन्होने कहा कि केरन और टंगडार सेक्टरों में घुसपैठियों के साथ टकराव लगभग एक ही समय पर हुआ था। पिछले सप्ताप लगभग एक ही समय पर दो घुसपैठ प्रयासों का सामना किया गया। एक केरन और दूसरा टंगडार सेक्टर में, हालांकि, टंगडार में अभियान अभी तक जारी है। जेलों में बंद आतंकियों की रिहाई की मांग करने के लिए नागरिक हवाई जहाज का अपहरण करने के लिए लश्कर-ए-तोयबा की योजना के बारे में मीडिया रिपोर्टों पर जी.ओ.सी. साहा ने कहा कि सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।