

उत्तराखंड में इन बच्चों के लिए दो सीटें आरक्षित हुई हैं। इसके लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया केंद्र सरकार से होगी, जबकि राज्य की जिम्मेदारी दाखिले की होगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग की ओर से दिए गए निर्देशों के तहत हाल ही में उत्तराखंड सरकार को इस बारे में निर्देश मिले हैं।