आतंकियों की मौत पर भड़के कश्मीरी, सेना पर फूटा गुस्सा
एंजेंसी/ श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार की हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों को ढेर करने पर सुरक्षा बलों को विरोध का सामना करना पड़ा। आतंकियों की मौत पर स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों के खिलाफ हंगामा किया। भिड़ंत में आठ प्रदर्शनकारी घायल हो गए। हालात को देखते हुए पुलवामा में ट्रेन और मोबाइल सेवा पर तत्काल रोक लगा दी गई। हालांकि बाद में मामला ठंडा पड़ने पर यह रोक हटा ली गई।
आतंकियों की मौत पर गुस्सा
कश्मीर के डोगरीपुरा पंजगाम इलाके में राष्ट्रीय राइफल्स और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षा बलों के मुताबिक, इनमें से दो आतंकी साउथ कश्मीर के हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के साथ जुड़े थे। सुरक्षा बलों के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार पर इन आतंकियों को मारा गया। ये आतंकी बेहद खतरनाक थे।
इस मामले में नया मोड़ तब आया, तब आतंकियों की मौत की सूचना आम हो गई। मुठभेड़ खत्म होने के बाद लोगों ने सुरक्षाबलों का विरोध शुरू कर दिया। । तीनों स्थानीय आतंकियों के शव जब गांववालों के हवाले किए गए तो पुलवामा और तहाब में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। बाद में इनके जनाजे में हजारों लोगों की भीड़ देखी गई।
पिछले कुछ समय से देखने में आया है कि जब भी सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने जाते हैं, स्थानीय लोग एकत्रित हो जाते हैं। खासतौर पर तब, जब आतंकी उसी इलाके से हो। सेना और पुलिस जनवरी से अब तक साउथ कश्मीर में आठ अलग-अलग एनकाउंटर्स के दौरान हिज्बुल के 13 आतंकियों को ढेर कर चुके हैं। इनमें से कई मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षाबलों को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने कभी सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की तो कभी नारेबाजी।
मारे गए दो हिज्बुल आतंकियों के नाम- अश्फाक अहमद डार (डोगरीपुरा) और इश्फाक अहमद बाबा हैं। ये दोनों हिज्बुल के शीर्ष आतंकी थे और 2014 से अवंतीपुरा इलाके में सक्रिय थे। तीसरे आतंकी का नाम हसीब अहमद पल्ला है। वह लश्कर से जुड़ा था और एक साल पहले ही आतंकी बना था। सैन्य प्रवक्ता एनएन जोशी ने इसे सफल ऑपरेशन करार देते हुए बताया कि आतंकियों के पास से तीन AK 47 और 6 मैग्जीन बरामद की गई हैं।