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आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर हिंसा में 11 की मौत

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मोबाइल-इंटरनेट बंद, अमरनाथ यात्रा रुकी

श्रीनगर: कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद भड़की हिंसा और झड़पों में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि सुरक्षा बलों के 96 जवानों सहित 126 लोग घायल हो गए। हालात को देखते हुए घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने एक थाने पर हमला करके इसमें आग लगा दी और थाने में रखे हथियारों से गोली चलाकर तीन पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया। इस घटना में तीन पुलिसकर्मी लापता हैं। प्रदर्शनों के बीच आतंकवादियों ने पुलवामा में थाने पर हमला कर दिया, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शांति की अपील करते हुए प्रदर्शनों के दौरान मौतों पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सुरक्षाबलों से भीड़ नियंत्रण के लिए जरूरत से अधिक बल प्रयोग से बचने के लिए कहा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में ‘कीमती जानें चली’ जाने पर गहरा दुख जताया और शांति की अपील की। हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन का ‘पोस्टर ब्वाय’ बुरहान का उसके पैतृक स्थल त्राल में अंतिम संस्कार किया गया। त्राल में बुरहान के अंतिम संस्कार में भाग लेने आने वाले लोगों से टकराव से बचने के लिए त्राल और इसके आस पास के क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की कोई तैनाती नहीं की गई। जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजीपी (सीआईडी) एसएम सहाय ने कहा, ‘‘हमारा आज का दिन बहुत मुश्किल रहा।’’ उन्होंने स्थिति ‘‘कुछ इलाकों में खराब’’, उत्तरी कश्मीर जैसे क्षेत्रों में ‘‘गंभीर नहीं’’ और श्रीनगर में ‘नियंत्रण में’ बताई।
तीर्थयात्रियों को पुलिस ने दिए खास निर्देश
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। किसी और तीर्थयात्री को घाटी की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि कश्मीर में पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से यात्रा जारी रहेगी। तीर्थयात्रियों को ताकीद की गई है कि उनके आगे बढ़ने के बारे में कोई हिदायत जारी होने तक वे इन्हीं शिविरों में रुकें।’
अनंतनाग के पास मुठभेड़ में बुरहान को मार गिराया गया…
कश्मीर का पोस्टर ब्‍वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया। शुक्रवार को करीब सवा घंटे चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुरहान वानी और उसके तीन साथियों को मार गिराया। केवल हिजबुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्या में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया, “यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।” हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष कमांडर बुरहान मुठभेड़ में मारा गया : पुलिस
सोशल मीडिया के जरिए उकसाता था बुरहान…
बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिजबुल के साथ जुड़ने के लिए उकसाता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडियो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था। 22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।
कौन था बुरहान मुज़फ्फर वानी
– 15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा।
– उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था।
– कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था।
– उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था।
– उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।

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