आतंकी हमले में उत्तराखंड का बेटा शहीद हो गया| नैनीताल के कोटाबाग का जवान जम्मू के पुंछ सेक्टर में तैनात था| कुछ दिन बाद चचेरी बहन की शादी होने के कारण घर में तैयारियां चल रही थीं| परिवार में खुशी का महौल था, मेहमानों के आने का दौर भी शुरू हो गया था| जिस घर में बेटी की शादी की तैयारियां हो रहीं हों, और उसी परिवार का बेटा देश के लिए कश्मीर के पुंछ सैक्टर में शहीद हो गया है|
गौरतलब है कि आने वाली 24 अप्रैल को घर पर होने वाली बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे थे, अचानक आर्मी हैड क्वार्टर से घर के इकलौते बेटे मनमोहन की बार्डर पर गोली लगने से मौत की खबर आ गई. परिवार में कोहराम मच गया| परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं शहीद के पिता जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हो गए थे, लेकिन उनको बेटे की शहादत पर गर्व है.
आपको बता दें कोटाबाग के आंवलाकोट ग्राम निवासी खीमानंद बधानी के 23 वर्षीय पुत्र मनमोहन बधानी ने दो साल पहले आर्मी ज्वाइन की थी. देर रात आर्मी हैड क्वार्टर से उसके शहीद होने की सूचना मिली तो घर में मातम छा गया. मनमोहन चार भाई व बहनों में सबसे छोटा था. उनके पिता खीमानंद बधानी ग्राम विकास अधिकारी हैं. शहीद मनमोहन के परिवार में चाचा व ताऊ के तीन बेटे भी भारतीय सेना में देश की सेवा में लगे हुए हैं|
दरअसल बात यह है कि मनमोहन को दो दिन बाद चचेरी बहन की शादी में शामिल होने के लिए घर आना था| वहीं इस दिल को झकझोर देने वाली घटना के बाद क्षेत्र का माहौल गमजदा है| जो रिश्ते-नातेदार शादी के निमंत्रण में आने की तैयारी कर रहे थे, वो अब परिवार को ढांढस बधांने के लिए पहुंच रहें हैं|
इससे पहले भी इस तरह की घटना
आपको बता दें कि इससे पहले कोटाबाग के पतलिया निवासी धीरेंद्र साह भी 13 फरवरी को कश्मीर में शहीद हो गए थे, वहीं आज दो माह के भीतर ही जिसने भी मंगलवार को ये खबर सुनी, उसकी आंखों से गम के आंसू छलक उठे, जिसको भी सूचना मिली वह उनके घर पहुंच रहा है, हर कोई शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहा हैं| जिससे ग्रामीणों और रिश्तेदारों का तांता लगा रहा| बताया जा रहा है कि गुरुवार तक शहीद का पार्थिव शरीर उसके गांव पहुंच जाएगा|