आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच पर दिखे इमरान के मंत्री
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पाकिस्तान के नए कप्तान इमरान खान लगातार दावा कर रहे हैं कि वह हिंदुस्तान से शांति चाहते हैं। लेकिन उनके इरादे और कारनामे एक जैसे नहीं दिख रहे हैं। पाकिस्तान की हुकुमत किस तरह आतंकवाद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है इसका अंदाजा सामने आई एक तस्वीर से ही लगाया जा सकता है।
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मरान कैबिनेट में मंत्री नूर-उल-हक कादरी रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आतंकी सरगना हाफिज सईद था. कादरी यहां पर हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते हुए भी दिख रहे हैं। सामने आई तस्वीर में हाफिज सईद बीच में बैठा है, जबकि नूर-उल-हक कादरी सबसे दाईं ओर बैठे हैं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री और आतंकियों के बीच रिश्ते होने का मामला सामने आया है। दरअसल सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पाकिस्तान सरकार में मंत्री नूर-उल-हक कादरी, आतंकवादी हाफिज सईद संग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस साझा करते हुए नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को बुलाया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीछे की तरफ जो पोस्टर नजर आ रहा है उसमें उर्दू लिखा गया है ‘दफा-ए-पाकिस्तान’, इस संगठन को फादर ऑफ तालिबान भी कहा जाता है। इसका मुखिया मौलाना समी-उल-हक है और वह भी नूर-उल-हक कादरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद था। कादरी इमरान खान की सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री हैं। कादरी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर यूएन में भारत को आतंकी देश घोषित करने के लिए प्रोत्साहित किया था। यह बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यूएन में पाकिस्तान को लेकर दिया भाषण सच साबित हो रहा है। स्वराज ने यूएन में विश्व के नेताओं से कहा था कि पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति राज्य की नीति के तौर पर प्रतिबद्धता अंश मात्र भी कम नहीं हुई है। स्वराज ने सवाल किया कि भारत ऐसे देश से वार्ता कैसे आगे बढ़ा सकता है जो हत्यारों का महिमामंडन करता है तथा मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता ‘बेरोकटोक घूमने’ दे रहा है। इस दौरान स्वराज ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कई प्रयास किए और इसे रोके जाने का एकमात्र कारण पाकिस्तान का बर्ताव है। उन्होंने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम पर वार्ता प्रक्रिया को रोकने का आरोप हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। हमारा मानना है कि बातचीत सबसे जटिल विवादों को हल करने का एकमात्र तर्कसंगत माध्यम है। पाकिस्तान के साथ बातचीत कई बार शुरू हुई। अगर वे रुक गयीं तो इसका एकमात्र कारण सिर्फ पाकिस्तान का आचरण था।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और महासभा से इतर देशों के विदेशमंत्रियों के बीच बैठक का सुझाव दिया। भारत ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया लेकिन उसकी स्वीकृति के कुछ घंटों के भीतर ही खबरें आयीं कि आतंकवादियों ने तीन भारतीय जवानों की हत्या कर दी है।