आदित्यनाथ की दूसरी कैबिनेट बैठक अखिलेश यादव के लिए बन सकती है बड़ी मुश्किल
नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आज अपनी दूसरी कैबिनेट बैठक करने जा रही है| मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- दूसरी कैबिनेट मीटिंग को लेकर अखिलेश यादव मुश्किल में पड़ सकते हैं| सूत्रों के मुताबिक-योगी आदित्यनाथ अखिलेश सरकार के दौरान कराए गए कार्यों की जांच सीएजी से करवाना चाहते हैं, जिसमें ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे, वाराणसी, गोरखपुर प्राधिकरण शामिल हैं, इसे लेकर आज फैसला हो सकता है| इसके साथ ही 24 घंटे बिजली देने के संकल्प पर फैसला हुआ. ट्रांसफर खराब होने पर अब 48 घंटे में इसे बदलने की डेडलाइन जारी हो सकती है| पहले यह 72 घंटे थी. बुंदेलखंड की पानी की समस्या को लेकर भी काम हो सकता था|
ल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश के दो करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों को फायदा देते हुए उनका एक लाख रुपये तक का कर्जा माफ करने का अहम फैसला लिया| सरकार ने किसानों का कुल मिलाकर 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया| सरकार ने किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया फसली कर्ज माफ किया है. इसके लिए सभी किसानों के खातों में फौरन भुगतान किया जाएगा| इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36,359 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. पहली बैठक में बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है|
2. सरकार 80 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदेगी| इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया| इसके साथ आलू के उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है| सरकार ने बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें’|
इसके साथ ही पहली बैठक में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्ते को लेकर कहा गया कि ‘अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठे हैं, तो अनावश्यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’|
योगी सरकार ने पहली बैठक में यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया था| इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से एक अच्छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें, इसके लिए यह मंत्री समूह कई प्रदेशों में जाएगा|