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आधार डीलिंक करना है तो कराएं दोबारा केवाईसी

नई दिल्ली। हमारे देश ने डिजिटली कारन का आकर पकड़ लिया है जिससे हमारी काफी सुविधाएँ मिल रही हैं। बैंक खाता खोलने के लिए आधार जरूरी न होने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंकों ने इसे वैकल्पिक कर दिया है। बैंकों का कहना है कि अदालती फैसले के बाद आधार नंबर के जरिये केवाईसी बंद नहीं की गई है, लेकिन लोग आधार या किसी अन्य पहचानपत्र के जरिये ऐसा कर सकते हैं। ज्यादातर बैंकों ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है कि आधार और ओटीपी के जरिये केवाईसी प्रक्रिया को वैकल्पिक बना दिया गया है। आगे की प्रक्रिया के लिए आधार जारी करने वाली एजेंसी यूआईडीआईए, सरकार और बैंकिंग नियामक विचार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक दो सालों में ज्यादातर बैंकों ने आधार केवाईसी को अनिवार्य कर दिया था और इससे ऑनलाइन प्रमाणीकरण काफी सरल हो गई थी। कोटक महिंद्रा बैंक के रिटेल शाखा के अध्यक्ष विराट दीवानजी का कहना है कि ग्राहक अगर चाहते हैं तो अभी भी आधार के जरिये बैंक खाता खुलवा सकते हैं, यह छह आधिकारिक पहचानपत्रों में एक है। बैंकरों का कहना है कि हम अपनी तरफ से एकतरफा फैसला नहीं ले सकते हैं, क्योंकि हो सकता है कि रिजर्व बैंक केवाईसी गाइडलाइन में आगे कोई बदलाव करे। केवाईसी पर आरबीआई की 20 अप्रैल की गाइडलाइन के अनुसार नया खाता खोलने के लिए आधार, पैन नंबर या फॉर्म 60 देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस गाइडलाइन में फेरबदल जरूरी है। अगर किसी बैंक खाताधारक को आधार नंबर खाते से हटाना है तो उसे दोबारा केवाईसी करनी होगी। ऐसे में आपको पहचान से जुड़े दूसरे आधिकारिक दस्तावेज बैंक को देने होंगे। अगर किसी खाताधारक की केवाईसी किसी अन्य आधिकारिक दस्तावेज से हुई है तो उसने आधार भी लिंक कराया है तो उसे आसानी से लिंक कराया जा सकता है।

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