आने वाले साल को भाग्यशाली बनाना है तो अपनी राशिनुसार आजमाएं ये खास उपाय
नववर्ष 2020 आने वाला है। अगर आप भी नए साल को भाग्यशाली बनाना चाहते हैं तो करें ये अनोखे उपाय, आइए जानें…
मेष राशि :
– एक मिट्टी या लोहे के पात्र में सरसों का तेल भरें और उसमें अपने चेहरे की छाया देखकर उसे किसी मंदिर आदि में दान करें।
– इसके अतिरिक्त आप मंगल के शुभ और सकारात्मक प्रभावों को पाने तथा चर्म और लिवर से संबंधित रोगों से बचने के लिए अनंत मूल की जड़ भी धारण कर सकते हैं।
– इस वर्ष नियमित रूप से प्रत्येक शनिवार को छाया पात्र का दान करना मेष राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहेगा।
वृषभ राशि :
– नियमित रूप से गौ माता को आटे का पेड़ा खिलाएं।
– इस वर्ष शुक्रवार के दिन 11 वर्ष से छोटी कन्याओं को सफेद रंग की मिठाई, चावल की खीर, मिश्री या फिर बताशे खिलाएं और उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
– इसके अतिरिक्त आप अनंत मूल की जड़ भी धारण कर सकते हैं, जो आपको बुध के दोषों को दूर करने, अल्सर, अपच एवं रक्त संबंधी विकारों से बचने में सहायता करेगा।
मिथुन राशि :
– इस वर्ष आपको किसी धार्मिक स्थल की सीढ़ियां और वहां के रास्ते पर साफ-सफाई का कार्य करना चाहिए।
– संभव हो तो आप पीपल वृक्ष भी लगा सकते हैं।
– इसके अतिरिक्त आप विधारा मूल की जड़ भी धारण कर सकते हैं, जो बुध के दोषों को दूर करने, अल्सर, अपच एवं रक्त संबंधी विकारों से बचने के लिए बहुत लाभकारी है।
– प्रत्येक बृहस्पतिवार तथा शनिवार को पीपल वृक्ष को जल चढ़ाकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
कर्क राशि :
– इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को चमेली के तेल का दीपक जलाकर श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण अथवा सुंदरकांड का पाठ करें और छोटे बालकों को गुड़-चना या बूंदी का प्रसाद बांटें।
– आपको इस वर्षपर्यंत शनिवार के दिन छाया पात्र का दान करना चाहिए। इसके लिए किसी मिट्टी अथवा लोहे के बर्तन में सरसों का तेल भर लें और उसमें अपनी छाया अर्थात सूरत देखकर उसको किसी को दान कर दें। ऐसा नियमित वर्षपर्यंत करना है।
– आप चंद्र यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं जिससे आपको चंद्रमा के दुष्प्रभावों को नष्ट, मानसिक संतुलन को बनाने, निर्णय लेने की क्षमता को सुदृढ़ करने तथा जीवन में सकारात्मकता को लाने में सहायता मिलेगी।
सिंह राशि :
– आप प्रतिदिन सूर्य उदय से पूर्व उठें और नग्न आंखों से उगते हुए लाल रंग के सूर्य के दर्शन करें।
उसके बाद स्नान करने के उपरांत तांबे के पात्र में लाल पुष्प और लाल कुमकुम मिलाकर जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करें।
– इसके अलावा आप अपने घर या ऑफिस में सूर्य यंत्र की स्थापना करके सूर्य के नकारात्मक प्रभावों को नष्ट कर सकते हैं एवं करियर में सफलता एवं समाज में मान-सम्मान में इजाफा भी कर सकते हैं।
कन्या राशि :
– बुध के दोषों को दूर करने, अल्सर, अपच एवं रक्त संबंधी विकारों से बचने के लिए आप विधारा मूल की जड़ को धारण कर सकते हैं।
– आप महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें तथा साथ ही साथ श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
– गौ माता को हरा चारा अथवा हरी सब्जियां खिलाएं और उनकी पीठ पर 3 बार हाथ फेरें।
– इसके अतिरिक्त 1 से 11 वर्ष की आयु की छोटी कन्याओं और अपनी बहन, बुआ, मौसी को बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियां, सूट अथवा साड़ी भेंट करें।
तुला राशि :
– उत्तम क्वालिटी का हीरा अथवा ओपल रत्न धारण करें।
– गौ माता की सेवा करें तथा छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें।
– आप गरीबों की यथासंभव सहायता करें और शनिवार के दिन मंदिर जाकर काले चने बांटें।
– अपने सहकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार करें और चींटियों को आटा डालें।
वृश्चिक राशि :
– सूर्य देव को अर्घ्य दें और कुत्तों को रोटी डालें।
– पुखराज रत्न सोने की अंगूठी में तर्जनी उंगली में बृहस्पतिवार के दिन पहनना चाहिए।
– आप मोती भी धारण कर सकते हैं।
– इस वर्ष आपको नियमित रूप से एक देसी घी का दिया जलाकर भगवान श्री हरि विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए
– यथाशक्ति ब्राह्मणों तथा भूखों को भोजन कराना चाहिए।
धनु राशि :
– महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करें।
– सूर्य देव को तांबे के पात्र में कुमकुम मिलाकर अर्घ्य दें।
– इसके अतिरिक्त आप घर में शनि यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
– इस वर्ष आपको प्रत्येक शनिवार को छाया पात्र का दान करना चाहिए। इसके लिए किसी मिट्टी अथवा लोहे के पात्र में सरसों का तेल भरकर अपनी छाया देखें और उसे दान कर दें।
– किसी धार्मिक स्थान पर सुबह-सुबह जाकर साफ-सफाई का कार्य करें। चींटियों और मछलियों को कुछ खाने को डालें।
मकर राशि :
– श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें और श्री गणेशजी महाराज को दूर्वा अर्पित करें।
– इसके अतिरिक्त आप धतूरे की जड़ को भी धारण कर सकते हैं जिससे कि आपको शनि के बुरे प्रभावों, मानसिक विक्षिप्तता व गठिया रोगों आदि से बचने में आसानी होगी।
– इस वर्ष आपको नियमित रूप से भगवान शनिदेव की आराधना करनी चाहिए और पीपल को बृहस्पतिवार और शनिवार को जल देना चाहिए।
– इसके अतिरिक्त गरीबों की यथासंभव सहायता करें, चींटियों को आटा डालें तथा धर्म-कर्म के कार्य करें।
– आलस्य का परित्याग करें और उत्तम कोटि का नीलम रत्न मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन धारण करें।
– इसके अतिरिक्त प्रत्येक बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु पीले रंग के पुष्प अर्पित करें।
कुंभ राशि :
– चींटियों को आटा डालें।
– महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें।
– अपने सहकर्मियों और गरीबों के साथ तमीज से पेश आएं और यथासंभव उनकी सहायता करें।
– इस वर्ष आपको श्रीयंत्र की स्थापना कर नियमित रूप से उसकी पूजा करनी चाहिए।
– मां महालक्ष्मी के किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए।
– गौ माता को आटे का पेड़ा खिलाना भी आपके लिए बेहतर रहेगा।
– साथ ही किसी गौशाला में जाकर गौ दान करें।
मीन राशि :
– यदि संभव हो तो आपको प्रत्येक बृहस्पतिवार व्रत रखना चाहिए और प्रतिदिन मस्तक पर केसर का तिलक लगाना चाहिए।
– यदि आप व्रत रखते हैं तो आपको केला खाने से परहेज करना चाहिए।
– इस वर्ष आपको पीपल तथा केले का पेड़ लगाना चाहिए और बृहस्पतिवार के दिन उन्हें जल चढ़ाना चाहिए। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि पीपल वृक्ष को छुए बिना ही जल चढ़ाएं।
– यथायोग्य ब्राह्मणों को भोजन तथा दान-दक्षिणा देना चाहिए।