कहा जाता है जैसा खाओगे अन्न वैसा रहेगा मन. यानी हमारे भोजन का संबंध हमारे शरीर, मन और जीवन से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, यदि मन पसंद खान मिल जाए तो हम खुश हो जाते हैं. उसके बाद हम अच्छे-अच्छे फैसले प्रसन्न मन से कर सकते हैं. मन लगाकर अपना कार्य कर सकते हैं. यानि भोजन का संबंध हमारे मन से हमारे कर्म से जुड़ा हुआ है.
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हम सब जो फल, सब्जियां, अनाज खाते हैं उनका संबंध ग्रहों से होता है. इसका मतलब ये हुआ कि यदि आप कोई विशेष फल ज्यादा खा रहे हैं, तो उस फल का संबंध जिस ग्रह से है. उस ग्रह का प्रभाव आपके जीवन में बढ़ जाएगा. आपको भी ये जानने की इच्छा हो रही होगी की आपके पसंदीदा फल या सब्जी का संबंध किस ग्रह से है और आपकी ईटिंग हैबिट के जरिए किस ग्रह का प्रभाव आप पर बढ़ रहा है. क्या वो ग्रह आपके भविष्य को संवारने में मदद कर रहा है. आपके जीवन में बाधाएं खड़ी कर रहा है, या आपकी उन्नित की गति को धीमा कर रहा है.
क्या कहता है अथर्वेद
अथर्वेद में कई वनस्पतियों, फल और सब्जियों को रत्न का दर्जा दिया गया है. यानि कुछ वनस्पतियां, फल और सब्जियां हमारे शरीर, मन और जीवन के लिए बहुत बहुमूल्य हैं. उनका सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो हम स्वस्थ रहेंगे और अपना कर्म अच्छे से कर पाएंगे. यदि हमारे कर्म अच्छे होंगे तो हमारा भविष्य भी अच्छा होगा, क्योंकि ग्रह अच्छे कर्मों को सपोर्ट करते हैं और अच्छा फल देते हैं. वहीं नेगेटिव कर्म करने वाले लोगों को वही ग्रह प्रतिकूल फल देना शुरु कर देते हैं जो अच्छा कर्म करने वालों को शुभ फल दे रहे थे.
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किस ग्रह का बढ़ रहा है आप पर प्रभाव
आपको ये जान कर आश्चर्य हो सकता है कि जो खाना आप खा रहे हैं उसकी वजह से किसी खास ग्रह का प्रभाव आपके ऊपर बढ़ रहा है. यदि आप तीखे मसालों का प्रयोग अपने भोजन में ज्यादा करते हैं तो मंगल ग्रह का प्रभाव आप पर ज्यादा बढ़ रहा है. यदि आप सरसों का साग, कटहल की सब्जी या अचार ज्यादा खा रहे है तो मंगल ग्रह का असर आपके शरीर, मन और जीवन पर बढ़ रहा है. क्योंकि इन खाने की चीजों का संबंध मंगल ग्रह से है. यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति अनुकूल है या मंगल कुंडली में कमजोर है तो उपर बताई गई चीजों का प्रयोग करने से मंगल से शुभ फल मिलेगा. आपको लाभ होगा. आपका पराक्रम बढ़ेगा. आपको अनुकूल ऊर्जा प्राप्त होगी और आपका भविष्य उज्ज्वल होगा. लेकिन यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है, मंगल छठे भाव, आठवें भाव या बारवें भाव में बैठा हुआ है या मंगल पर क्रूर ग्रहों का प्रभाव ज्यादा है तो मंगल से संबंधित खान-पान से आपके जीवन में नेगेटिव प्रभाव बढ़ सकता है. वैवाहिक जीवन में परेशानी, लड़ाई, झगड़ा, गलत लोगों की संगति, बीमारी, व्यापार में हानि, क्रोध की वजह से आपको नुकसान हो सकता है.
इसलिए मंगल ग्रह से संबंधित खाने की चीजों का प्रयोग ऐसे लोगों को बहुत कम या बिल्कुल नहीं करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति प्रतीकूल हो. ये तो एक ग्रह का उदाहरण हुआ इसी तरह बाकि ग्रहों की भी कुंडली में स्थिति देख लें जो ग्रह आपकी कुंडली में अनुकूल स्थानों पर बैठे हुए हैं. शुभ फल दे रहे हैं. उनसे संबंधित खाने-पीने की चीजों का प्रयोग करें या जो ग्रह कमजोर हैं. उसने शुभ फल पाने के लिए भी आप उनसे संबंधित फल, सब्जियों का अनाज का प्रयोग अपने खान-पान में बढ़ा दें आपको लाभ अवश्य होगा.
हर रंग की सब्जियां क्यों खाएं
अच्छे डाईटीशियन हर रंग की सब्जियों का प्रयोग भोजन में करने की सलाह देते हैं. ताकि शरीर को हर रंग और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सके. रंगों का कनेक्शन ग्रहों से होता है. सफेद रंग का शुक्र से, लाल रंग का मंगल से, हरे रंग का बुध से, पीले रंग का बृहस्पति से, नीले या काले रंग का शनि से. इस तरह इनका ज्योतिषी से संबंध भी है यदि आप हर रंग की सब्जियों का अपने भोजन में प्रयोग करेंगे तो हर ग्रह का प्रभाव आपके शरीर पर पड़ेगा. जिस ग्रह से संबंधित चीजों की शरीर में कमी होगी, शरीर अपने आप उसे ग्रहण कर लेगा. और आपकी डाइट वैलेंस हो जाएगी, आपका स्वास्थ ठीक रहेगा. मन खुश रहेगा. आइए जानते हैं कुछ खाने-पीने की चीजों के बारे में कि उनका संबंध किस ग्रह से है.
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कौन सी खाने-पीने की चीजों का संबंध किस ग्रह से है
सूर्य- सूर्य का संबंध सूखा नारियल का गोला, खजूर का फल, केसर, बड़ी इलायची से है.
चंद्रमा- चंद्रमा का संबंध पानी वाले नारियल, लीची, खरबूजा, तरबूज, खीरा, नींबू, खुशबूदार बासमती चावल से है.
मंगल- मंगल का संबंध लाल मिर्च, काली मिर्च, जायफल, लौंग, तीखे मसाले, सरसों का साग, कटहल, सोयाबीन से है.
बुध- बुध का संबंध सूरन, अदरक, पालक, बथुआ, मेथी, सीताफल, बैंगन, पान और गन्ने से है.
गुरु- गुरु का संबंध अनाज, हल्दी, सिंघाड़े से है.
शुक्र- शुक्र का संबंध सभी फूलदार वनस्पति, जमीन के भीतर बढ़ने वाली सब्जियां जैसे आलू, गाजर, प्याज से है.
शनि- शनि का संबंध साबुत दालें, कषैले खट्टे स्वाद वाले आंवला, संतरा, बेलफल से है.
राहु-केतु- जहरीले पौधे, बरचिटा, कटैली कांटेदार बबूल और ऐसे फल जिन्हें खाया नहीं जा सकता है का संबंध राहु-केतु से होता है.