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आपकी हथेली में भी है शिव के त्रिशूल का निशान, जानें मतलब

जानें, हथेली में त्रिशूल का निशान किसे बना देता है धनवान किसे करता है परेशान

आपके हाथ की रेखाएं आपके जीवन के कई राज खोलती हैं। इन्हें हम बदल नहीं सकते लेकिन आने वाले समय के बारे में अंदाजा लगाकर सावधानियां बरत सकते हैं। हस्तरेखा और समुद्रशास्त्र में त्रिशूल को बहुत शुभ माना जाता है। त्रिशूल देखते ही हमारे सामने शिवजी की छवि आ जाती है। जानिए आपकी हथेली पर बना त्रिशूल किन चीजों का संकेत है…आपकी हथेली में भी है शिव के त्रिशूल का निशान, जानें मतलब
यहां हो त्रिशूल तो नहीं होगी धन की कमी

सूर्य रेखा व सूर्य पर्वत पर त्रिशूल हो तो व्यक्ति विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है और कभी भी धन की कमी नहीं होती। अगर एक स्त्रोत से पैसा आना बंद होता है तो ईश्वर दूसरा रास्ता खोल देते हैं। लेकिन त्रिशूल उलटा हो तो शुभ फल नहीं मिल पाता।
…तो त्रिशूल नहीं देता शुभ फल

त्रिशूल कैसा फल देगा यह बात इसकी स्थिति पर भी निर्भर करती है यानी यह उल्टा है या सीधा। अगर त्रिशूल उंगलियों की दिशा में है तो यह फलदायी होता है और अगर यह उंगलियों से विपरीत दिशा यानी उल्टा है तो इससे लाभ नहीं मिल पाता।
उल्टा त्रिशूल करवाता है संघर्ष

जिनके हाथ में त्रिशूल उल्टा बना हो उन्हें जीवन में संघर्ष करना पड़ सकता है साथ ही रोजगार में भी अड़चने आती हैं। त्रिशूल अगर सूर्य रेखा पर है और सूर्य रेखा खंडित है तो व्यक्ति को त्रिशूल का लाभ नहीं मिलता।
भाग्य रेखा पर त्रिशूल का महत्व

अगर किसी की भाग्य रेखा या शनि पर्वत पर त्रिशूल है तो वह बड़ा व्यापारी या बड़ा अधिकारी बनता है। अगर सूर्य रेखा अच्छी हो तो और अच्छा फल मिलता है। ऐसे व्यक्ति दूसरों की मदद और भलाई करने वाले होते हैं।
हृदय रेखा पर त्रिशूल बनाता है भावुक

जिन लोगों की हृदय रेखा पर त्रिशूल होता है, व्यक्ति भावुक होते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में धोखे मिलते हैं। उनके काम की तारीफ नहीं होती और लोग काम निनकालकर उन्हें अलग कर देते हैं। इनको पारिवारिक कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। भाई-बहन भी जमीन-जायदाद हड़प लेते हैं। ऐसे लोग अपने जन्मस्थान को छोड़ दें तो उन्हें मान सम्मान मिलता है वहीं जन्मस्थान पर उन्हें संघर्ष करना पड़ता है।
यह स्थिति दिलाती है लाभ ही लाभ

चंद्र पर्वत से निकलने वाली भाग्य रेखा पर अगर त्रिशूल है तो विदेश यात्रा का योग बनता है और वहां से लाभ की प्राप्ति होती है। भाग्य रेखा पर बने त्रिशूल की एक शाखा अगर गुरु पर्वत पर चली जाए तो व्यक्ति को अध्ययन और प्रशासनिक क्षेत्र में लाभ मिलता है। अगर शाखा सूर्य पर्वत पर चली जाए तो व्यक्ति को कला और संगीत के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
गुरु पर्वत पर त्रिशूल का महत्व

जिन जातकों के गुरु पर्वत पर त्रिशूल होता है वे प्रशासनिक क्षेत्र मे अप्रत्याशित सफलता पाते हैं। बर्शते त्रिशूल को किसी अवरोध या आदि रेखा ने न काटा हो नहीं तो प्रभाव में कमी आ जाती है।

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