आपदा से बने हर अवसर को साकार कर रही योगी सरकार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
लखनऊ : कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के कारण लॉकडाउन में प्रदेश लौटे प्रवासी कामगार व श्रमिकों को रोजगार देने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने एक करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार देने के इस अभियान के कुछ लाभार्थियों से वार्ता भी की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि भारत पहुंची वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जो काम किया है। वह बेहद प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने यूरोप, फ्रांस, इटली व स्पेन जैसे विकसित देश को इस महामारी से अपने लोगों को बचाने के उपाय तथा निराकरण में काफी पीछे छोड़ दिया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने आपदा को अवसर में भी बदलने का मौका नहीं छोड़ा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने संकट के हर मोड़ पर दृढ़ता से मुकाबला किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इस संकट में इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है। इस उपलब्धि को उत्तर प्रदेश के लोग खुद महसूस कर रहे हैं, लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे। चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार प्रसार में छायी अनिश्चितता से घिरी दुनिया को आईना दिखाने का काम उत्तर प्रदेश ने किया है। दुनिया में इस संकट के कारण बड़ी तादाद में रोजगार छिनने की आशंकाएं थीं। ऐसे में जुझारू छवि वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ दूसरे राज्यों से प्रवासी प्रदेशवासियों को वापस लाने की मुहिम छेड़ी, बल्कि साथ ही उन्हेंं रोजगार मुहैया कराने की कसरत भी शुरू कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है। मुझे पूरा विश्वास है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया है, जिस तरह वो जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे।
कोरोना वायरस से आप लोग बचें। इसकी अभी तक न कोई दवा बनी है और न कोई टीका आया है। इसकी एक दवाई हमें पता है। ये दवाई है दो गज की दूरी। ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे। हम सभी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। हमारे सामाजिक जीवन में भी, गांव में, शहर में, अलग-अलग तरह की कठिनाइयां आती ही रहती हैं।
उप्र गरीब कल्याण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जालौन जिले के कामगार जीतू जी से संवाद किया। जीतू ने उन्हें बताया कि वह लॉकडाउन से पहले हैदराबाद में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद घर लौटे और अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में काम कर रहे हैं। इससे उन्हें उतनी ही कमाई हो रही है, जितनी हैदराबाद में होती थी। प्रधानमंत्री ने जीतू को जीतू गारू कहकर संबोधित किया। गारू का अर्थ एक सम्मानित कामगार के रूप में होता है।
प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पूरे इलाके का भाग्य बदलेगा। यहां डिफेंस कॉरीडोर आ रहा है। पानी के लिए तरसने वाले इस इलाके में अब उद्योगों की शुरुआत होने जा रही है। अब यहां से किसी को काम के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां विश्वस्तरीय सड़क बन रही है। पहले लोग मिट्टी की सड़क बनवाने के लिए अर्जी लगाया करते थे। लेकिन, अब तो पूरे बुंदेलखंड का भाग्य बदल रहा है। वहीं सिद्धार्थनगर जिले के कोडरा गांव के कुरबान अली ने काम मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम मुम्बई में काम करने से पहले गांव में प्राइवेट काम करते थे, अब हमको राजमिस्त्री काम मिला है। हम ट्रेनिंग भी कर रहे हैं, हमको इसका प्रमाण पत्र भी मिला है।