लखनऊ /वाराणसी। आम आदमी पार्टी (आप) की टोपी को लेकर वाराणसी के शाही इमाम और शहर ए मुफ्ती में विवाद पैदा हो गया है। शाही इमाम ने जहां फतवा जारी कर मुस्लिमों को ‘आप’ की टोपी न पहनने की हिदायत दी वहीं शहर ए मुफ्ती ने फतवे को गलत ठहरा दिया है। इस तरह ‘आप’ की टोपी को लेकर दोनों धर्मगुरु आमने सामने आ गए हैं।
दरअसल मलदहिया स्थित शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम एवं मुफ्ती बोर्ड के सचिव मौलाना हसीन अहमद ने आज एक फतवा जारी किया कि कोई मुस्लिम ‘आप’ की टोपी न पहने। उनके द्वारा यह फतवा जारी करने के कुछ घंटों के बाद ही शहर ए मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातीन नोमानी ने फतवे को गलत ठहरा दिया। शहर ए मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातीन नोमानी ने फतवे को गलत कहते हुए कहा कि धर्म में टोपी पहनने का अधिकार सभी को है और कोई भी अपनी मर्जी से टोपी पहन या उतार सकता है। उन्होंने शाही इमाम द्वारा फतवा जारी किये जाने के अधिकार पर भी सवाल उठा दिया है।
मौलाना अब्दुल बातीन नोमानी कहते हैं कि इस समय मुफ्ती बोर्ड भंग है और शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम अब किसी बोर्ड में नहीं हंै। ऐसे में उन्हें फतवा जारी करने का कोई अधिकार नहीं है और अगर वह कोई फतवा जारी करते हंै तो यह निंदनीय है। उधर शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने बताया कि मुस्लिम भाइयों की ओर से यह पूछा गया था कि क्या आम आदमी पार्टी की टोपी को पहना जा सकता है या जो मुसलमान इसे पहन रहे हैं वे सही कर रहे हैं। हबीबी ने कहा कि इसके जबाब में मैंने यह फतवा जारी किया कि टोपी पर अगर झाड़ू बना है तो इस्लाम कभी भी इसकी इजाजत नहीं देता है। झाड़ू हो या जूता उसको सिर पर पहनना उचित नहीं है। उन्होंने बताया केजरीवाल से हमें कोई बुराई नहीं हैं लेकिन उनकी टोपी पर बने झाड़ू के निशान को सिर पर नहीं लगाया जा सकता।