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आप की तैयारी केजरीवाल मिलेंगे जंग से

arvind1नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सत्ता संभालने का स्पष्ट संकेत देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करने जा रहे हैं। कांग्रेस के समर्थन से सरकार गठन के बारे में ‘हां’ और ‘ना’ में उत्तर मांगने के लिए पांच दिनों तक जनमत संग्रह जैसा अभियान चालने के बाद सरकार गठन के बारे में पर्याप्त संकेत तो हैं  लेकिन पार्टी ने अभी तक अधिकृत रूप से कुछ नहीं कहा है। रविवार को इस अभियान का आखिरी दिन था। आप ने कहा है कि अधिकांश प्रतिभागियों ने आप की सरकार बनने का समर्थन किया है। पार्टी नेता केजरीवाल ने भी रविवार को कहा कि सोमवार को एक ‘बड़ी घोषणा’ की जाएगी। यदि अरविंद सरकार बनाते हैं तो उसमें मंत्री पद का दर्जा पाने के संभावित नेता मनीष सिसोदिया ने आईएएनएस से कहा कि अंतिम फैसला सोमवार सुबह ही लिया जाएगा। रविवार की शाम उन्होंने कहा  ‘‘मैं अभी यह पक्के तौर पर नहीं बता सकता कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं या नहीं। हमें कुछ सभाएं अभी और करनी हैं। अंतिम फैसला तो कल (सोमवार) ही सामने आएगा।’’ पार्टी ने कहा है कि उसके नेता अरविंद केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से सोमवार दोपहर के आसपास मुलाकात करेंगे। आप के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि केजरीवाल सोमवार 11 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे और वहीं से जंग से मिलने निकल जाएंगे। आप के प्रवक्ता अश्वती मुरलीधरन ने आईएएनएस कहा  ‘‘जितनी भी राय मिली है उसमें से अधिकांश ने हां कहा है।’’पार्टी को 6.5 लाख से ज्यादा लोगों से एसएमएस या इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस (आईवीआर)  फेसबुक और आप की वेबसाइट के माध्यम से जवाब मिला है। इसके अलावा आप ने दिल्ली के करीब 27० वार्डों में सार्वजनिक सभाएं कीं जहां पहुंचे अधिकांश लोगों ने आप की सरकार गठित होने का समर्थन किया। भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी केजरीवाल ने रविवार को संकेत दिया कि अल्पमत के बावजूद उनकी एक वर्ष पुरानी पार्टी कांग्रेस से सत्ता लेने की तैयारी कर रही है। केजरीवाल ने कहा  ‘‘हमने अपने घोषणा पत्र में जो भी आश्वासन दिया है उसे हम पूरा करेंगे। व्यापक विमर्श के बाद यह तैयार किया गया था और बहुत सोचा विचारा गया है। दिल्ली की जनता हमसे बहुत उम्मीद लगाए हुए है और हम प्रदर्शन करेंगे।’’ चार दिसंबर को हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली में जहां 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस शर्मनाक पराजय का शिकार हुई और उसके खाते सिर्फ आठ सीटें आईं  वहीं किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी  लेकिन उसे 31 सीटें ही मिल सकीं। आवश्यक समर्थन जुटाने में असमर्थ भाजपा ने सरकार बनाने से मना कर दिया। कांग्रेस ने अपने आठ विधायकों का समर्थन 28 सीटें हासिल करने वाली आप को देने की घोषणा कर दी जिसके बाद उपराज्यपाल ने आप को सरकार बनाने की संभावना पर बातचीत के लिए बुलाया था।

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