नई दिल्ली : दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी अब तक के सबसे बड़े घोटाले में घिरती दिखाई दे रही है। ताजा मामले में भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर बिजली वितरण कंपनियों के साथ मिलकर बिजली कनेक्शन का लोड बढ़ाने के नाम पर 800 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस मामले की सीबीआइ जांच कराने और उपभोक्ताओं से वसूले गए ज्यादा पैसे वापस करने की मांग की है। भाजपा के इस आरोप से बिजली लोड के मुद्दे पर सियासत तेज होने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से इसे लेकर औद्योगिक संगठन व अन्य लोग विरोध जता रहे थे। अब इस मामले में भाजपा के शामिल हो जाने से दिल्ली सरकार व बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की परेशानी बढ़ सकती है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सूचना के अधिकार से मिली जानकारी से केजरीवाल सरकार व डिस्कॉम की मिलीभगत सामने आई है। प्रति किलोवाट लोड के आधार पर स्थायी शुल्क में भारी भरकम बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही बिना किसी पूर्व सूचना के उपभोक्ताओं के स्वीकृत लोड को मनमाने ढंग से बढ़ा दिया गया है। दिल्ली सरकार की भागीदारी वाली बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से लगभग 23000 मेगावाट लोड के आधार पर स्थायी शुल्क वसूल रही हैं। इस तरह से दिल्ली सरकार प्रतिमाह जनता से लगभग 230 करोड़ रुपये डिस्कॉम को दिलवा रही है। इसके साथ ही वह डिस्कॉम को 100 करोड़ प्रतिमाह सब्सिडी भी दे रही है। आरटीआइ से मिले आंकड़ों का विश्लेषण करके विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि उपभोक्ताओं से चार माह में लगभग आठ सौ करोड़ रुपये वसूले गए हैं। यह राशि उपभोक्ताओं को वापस मिलनी चाहिए। दिल्ली भाजपा इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि लोड बढ़ाने और भारी भरकम स्थायी शुल्क वसूलने से दिल्ली की जनता परेशान है। जबकि यह सरकार सस्ती बिजली देने और बिजली कंपनियों के भ्रष्टाचार की जांच कराने के नाम पर सत्ता में आई थी। इसके विपरीत वह कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ने का काम कर रही है।