आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत पड़ने वाले राष्ट्रीय आवास निर्माण निगम (एनबीसीसी) को इसके लिए राज्यों के लिए आवासीय परियोजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने इसके लिए 25 शहरों की पहचान की है, जहां पायलट आधार पर इस मॉडल को लागू किया जाएगा.
इसके तहत मंत्रालय ने फैसला किया है कि इसमें हर प्रतियोगिता यूनीक होगी. एनबीसीसी इस हाउसिंग चैलेंग के लिए ‘प्रॉब्लम चैलेंज’ तैयार करेगी, जिसमें समस्याओं और कार्यों का जिक्र होगा.
सरकार का यह कदम स्मार्ट सिटी चैलेंज की सफलता के बाद उठाया जा रहा है. इस चैलेंज में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए शहरों को चुनना था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तारीफ की थी. ऐसे में जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक, एनबीसीसी ने इस हाउसिंग चैलेंज को विस्तार से समझाने के लिए कॉन्सेप्ट पेपर भी बना लिया है. इसमें ‘सभी को घर’ महैया कराने के लिए 16 निर्माण तकनीक और इस परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए विभिन्न पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल की पहचान की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नेतृत्व में बीजेपी को दोबारा सत्ता की सीढ़ियों पर चढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अगर 2022 तक ‘हर सिर पर छत’ मुहैया कराने के वादे पर अमल की शुरुआत भर भी उनकी चुनावी आकांक्षाओं का पर लगा सकती है.