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आम बाजार पर हावी रहेगी LTCG टैक्स, फिस्कल डेफिसिट की टेंशन

राजकोषीय घाटा बढ़ने से जुड़ी टेंशन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स के साये का असर कुछ और समय तक मार्केट पर हावी रह सकता है। ग्लोबल फैक्टर्स की बात करें तो अमेरिका में बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी से भी दलाल स्ट्रीट पर परेशानी हो सकती है। ईटी पोल में शामिल 25 मनी मैनेजरों और ब्रोकरेज हाउस के रिसर्च हेड्स ने यह राय जताई है।आम बाजार पर हावी रहेगी LTCG टैक्स, फिस्कल डेफिसिट की टेंशन

आम बजट में शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाने के प्रस्ताव के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट आई। वह पिछले सालभर से ज्यादा वक्त में किसी एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी। उसी दिन डाओ जोंस 666 पॉइंट्स गिरा, जो जून 2016 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट रही। यह गिरावट इस डर से आई कि अमेरिका में रोजगार के जोरदार आंकड़े आने से अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई से जुड़ी चिंता और बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी के बीच रेट्स बढ़ाने की रफ्तार तेज कर सकता है। 

ईटी पोल में 50 पर्सेंट एक्सपर्ट्स ने अगले एक महीने में मार्केट में और 5 पर्सेंट गिरावट का अनुमान जताया। 13 पर्सेंट लोगों का मानना है कि गिरावट 10 पर्सेंट तक हो सकती है। उनके टॉप पिक्स में एचयूएल, एलऐंडटी, जीआईसी हाउजिंग, आईसीआईसीआई बैंक, मैरिको, अल्ट्राटेक सीमेंट और बजाज फाइनैंस शामिल हैं। 

महंगाई और शेयरों के ऊंचे वैल्युएशन से भी मार्केट पर दबाव बन रहा है। आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (इक्विटीज) महेश पाटिल ने कहा, ’31 जनवरी 2018 तक के एलटीसीजी पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन डर यह है कि निवेशक 10 पर्सेंट टैक्स का असर शामिल करते हुए रिटर्न से जुड़ी अपनी उम्मीदें बनाएंगे और ऐसे में इक्विटीज में इंक्रीमेंटल फ्लो घट सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि पिछले तीन वर्षों में इक्विटीज में बहुत तेजी आई है, लिहाजा किसी भी करेक्शन का असर बड़ा होगा। ग्लोबल लेवल पर अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में बढ़ोतरी भी चिंता का विषय है। अभी सबसे बड़ा जोखिम बढ़ते बॉन्ड यील्ड्स को लेकर है और डर यह है कि ग्लोबल मार्केट रैली का रुख न पलट जाए।’ 

पोल में 41 पर्सेंट लोगों ने बजट को 10 में से 7 पॉइंट्स दिए, वहीं 23 पर्सेंट ने 8 और 36 पर्सेंट ने 6 पॉइंट्स दिए। एलटीसीजी से जुड़ा डर मार्केट पर निकट भविष्य में हावी रह सकता है, लेकिन पोल में शामिल 57 पर्सेंट लोगों के मुताबिक इस टैक्स को दोबारा लगाने से उभरते बाजारों के बीच भारत की स्थिति खराब होने का डर नहीं है। हालांकि मार्केट में हाल फिलहाल बड़ी तेजी की सूरत नजर नहीं आ रही है। पोल में 38 पर्सेंट ने कहा कि निफ्टी जून अंत तक 11200 तक जा सकता है यानी मौजूदा लेवल से 4 पर्सेंट बढ़ोतरी। करीब 19 पर्सेंट ने कहा कि जून तक निफ्टी 11000 पर होगा, वहीं 25 पर्सेंट के मुताबिक यह 10500 पर होगा। 

पोल के मुताबिक, आने वाले समय में ग्लोबल लेवल पर इंट्रेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी और कंपनियों के मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी न हो पाना बड़ी चिंता के विषय होंगे। इधर देश में मैक्रोइकनॉमिक चिंताएं और विधानसभाओं के चुनावों पर मार्केट पर्टिसिपेंट्स की नजर होगी। 

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