अटल आयुष्मान योजना में मरीजों को कैशलेस इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर सरकार ने 52 लाख रुपये का भुगतान रोक दिया है। योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के बकाया क्लेम का सरकार भुगतान नहीं करेगी। बल्कि ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक 12 निजी अस्पतालों में फर्जीवाड़े का खुलासा हो चुका है। इसमें ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून जनपद के अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के 23 लाख परिवारों का पांच लाख तक कैशलेस इलाज कराने के लिए शुरू की गई अटल आयुष्मान योजना में खूब फर्जीवाड़ा हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने योजना में सूचीबद्ध 12 निजी अस्पतालों के दस्तावेजों की जांच के बाद यह फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इस पर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए अस्पतालों का 52 लाख का क्लेम (भुगतान) रोक दिया है। जबकि फर्जीवाड़ा पकड़ में आने से पहले इन अस्पतालों को 52.35 लाख का भुगतान हो चुका है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों का बकाया भुगतान तत्काल प्रभाव से रोका गया है। यदि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से नोटिस का सही जवाब नहीं मिलता है तो उनसे रिकवरी भी की जाएगी। बता दें कि 25 दिसंबर से प्रदेश में शुरू हुई योजना में 31 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
इसमें 44 हजार 460 मरीजों के इलाज पर अब तक 45 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। वहीं 360 मरीजों का प्रदेश से बाहर कैशलेस इलाज कराया गया। जिसमें 80 लाख रुपये का क्लेम दिया गया।
आयुष्मान योजना के निदेशक अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि योजना में गड़बड़ी सामने पर अस्पतालों का भुगतान रोका गया है। अस्पतालों के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।